चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू को अनुशासन में रखने में पार्टी की कथित विफलता के विरोध में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की पहली बैठक से दूरी बनाए रखी। विधायकों और 2022 के पार्टी उम्मीदवारों ने बैठक में पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि रखने और लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन को आत्मघाती करार दिया।
देवेंद्र यादव ने आज सुबह पार्टी के पूर्व अध्यक्षों और बाद में पार्टी सांसदों के साथ बैठक की। बाद दोपहर विधायकों के साथ प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की बैठक देर शाम तक चली। उन्होंने नेताओं से कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने और एकजुट कर चुनाव मैदान में उतरने को लेकर वह किसी भी प्रकार के सुझाव का सम्मान क रेंगे।
बैठक में नवजोत सिद्धू का नाम लिए बगैर नेताओं ने पार्टी में अनुशासन को सर्वोपरि रखने और सार्वजनिक बयानबाजी से पार्टी को होने वाले नुक्सान पर चिंता जताई। नेताओं ने कहा कि अगर कोई भी नेता पार्टी के समानांतर अपने कार्यक्रम करता है तो अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जानी चाहिए। कुछ विधायकों ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात 2022 के विधानसभा चुनाव जैसे हैं और उसका नतीजा सबके सामने है।
इसके अलावा बैठक में विधायकों ने हाथ खड़े कर पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन पर ऐतराज जताया। नेताओं ने कहा कि हम मुख्य विपक्ष की भूमिका में हैं और ऐसे में सत्ता पक्ष से समझौता पार्टी को बड़ा नुक्सान पहुंचा सकता है। बैठक से दूरी बनाने वाले नेताओं ने कहा कि पार्टी को नुक्सान पहुंचाने वाले लोगों के बारे में फैसला लेने में देरी चिंता का विषय है।