चंडीगढ़: लॉरैंस बिश्नोई के जेल में इंटरव्यू पर हाईकोर्ट ने राजस्थान सरकार को इस मामले में प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर 5 सितंबर को राजस्थान के एडवोकेट जनरल को वीसी के जरिए सुनवाई में शामिल होने का भी आदेश दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस अनुपेंद्र ग्रेवाल व जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित खंडपीठ ने यह आदेश कोर्ट मित्र द्वारा दायर अर्जी पर दिया। कोर्ट मित्र ने अर्जी में राजस्थान सरकार को प्रतिवादी बनाने का आग्रह किया था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि जेल से उगाही व धमकी के मामले सबसे ज्यादा पंजाब से ही सामने आते हैं। ऐसे में अगली सुनवाई पर यह बताया जाए कि पंजाब की जेलों से ऐसे फोन जाने के कितने मामले सामने आए हैं और उन मामला में क्या कार्रवाई की गई है।
पिछली सुनवाई पर बिश्नोई के हिरासत में हुए इंटरव्यू को लेकर गठित एसआईटी ने खुलासा किया था कि उसका पहला इंटरव्यू खरड़ सीआईए परिसर में हुआ था। सितंबर 2022 में रिकार्ड किया गया यह इंटरव्यू 7 माह बाद मार्च 2023 में जारी किया गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जेल में हुआ था। हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच स्पैशल डीजीपी ह्यूमन राइट्स प्रबोध कुमार की अध्यक्षता वाली एसआईटी को सौंपी थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पहला इंटरव्यू सीआईए खरड़ में हुआ था। खास बात यह है कि सितंबर 2022 में रिकार्ड इस इंटरव्यू को 7 माह बाद मार्च 2023 में जारी किया गया था। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने अब उन कर्मियों की पहचान कर कार्रवाई का आदेश दिया है जिन्होंने इस इंटरव्यू को करवाने में भूमिका निभाई थी। हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव व डीजीपी को एसआईटी का सहयोग करने का आदेश दिया है।