चंडीगढ़: दुनिया में अपनी छवि सुधारने के लिए तालिबान शासक अफगानिस्तान में हैरोइन को तैयार किए जाने वाले पौधे की कल्टीवेशन पर रोक लगाने जा रहा है। इन मामलों पर नजर रखने वाले सूत्रों के अनुसार इस संबंधी अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने कदम भी उठाने शुरू कर दिए हैं और इसी मुहिम के तहत अफगानिस्तान में हैरोइन का कारोबार करने वाले 10 लाख के करीब पाकिस्तानियों को वहां से खदेड़ दिया गया है। यह वही कारोबारी हैं जो अफगानिस्तान में रहकर उन पौधों को तैयार करते थे जिनसे शुद्ध हैरोइन निकाली जाती है। यह लोग सालों से वहीं रहकर इस काम को अंजाम दे रहे थे।
हैरोइन को तैयार कर पाकिस्तान के जरिए भारत में अलग-अलग तरीकों से भेजा जाता था। इन कारोबारियों के मोडस ऑपरैंडी में ड्रोन और एक्सपोर्ट के जरिए हैरोइन भेजा जाना प्रमुख है। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने से पहले भी हैरोइन को तैयार किए जाने वाले पौधों की कल्टीवेशन बड़े स्तर पर होती थी। तालिबान शासन आने के बाद भी यह क्र म जारी रहा। छवि सुधारने के अलावा हैरोइन की रोक के पीछे तालिबान सरकार की यह सोच भी है कि अगर मुस्लिम लॉ (शरिया) के अनुसार सरकार चलाना चाहते हैं तो उसके अनुसार हैरोइन पर रोक लगाना भी जरूरी होगा
क्योंकि मुस्लिम धर्म के अनुसार किसी भी प्रकार के नशे को पाप माना जाता है।
सूत्रों की मानें तो इसका असर जल्द ही पाकिस्तान-भारत की पंजाब सीमा पर देखा जा सकेगा। और पाकिस्तान से आ रही हैरोइन की मात्र में अवश्य ही गिरावट होगी। लेकिन वहीं जानकारों का कहना है कि अगर पाकिस्तान बॉर्डर की तरफ से हो रही हैरोइन की तस्करी रु क भी जाती है तो खतरे की घंटी नहीं टलेगी क्योंकि ऐसे में सप्लाई घटने पर डिमांड बढ़ेगी और ऐसे में म्यांमार से हैरोइन तस्करी में बढ़ौतरी हो सकता है क्योंकि भारत और म्यांमार बॉर्डर पर बाड़बंदी नहीं है। पहले से ही म्यांमार से भारत में हैरोइन और क्रि स्टल मेथ (ड्रग की प्रकार) की तस्करी के कई मामले सामने आते रहते हैं। अफगानिस्तान की तरफ से हैरोइन की सप्लाई कम होने पर डिमांड की पूर्ति म्यांमार की ओर से होने की शंका है।