डेंगू से निपटने के लिए Pathankot प्रशासन ने की तैयारी, विभिन्न इलाकों में शुरू की फॉगिंग

पठानकोट (अवतार सिंह) : डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। इस मच्छर को एडीज एजिप्टी या टाइगर मच्छर कहा जाता है। इसे टाइगर मच्छर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके काले शरीर पर सफेद धारियां होती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन में.

पठानकोट (अवतार सिंह) : डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से होती है। इस मच्छर को एडीज एजिप्टी या टाइगर मच्छर कहा जाता है। इसे टाइगर मच्छर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके काले शरीर पर सफेद धारियां होती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। यह मच्छर वहीं पनपता है, जहां साफ पानी जमा होता है। उदाहरण के लिए, यह अपने लार्वा को टिन, टूटी हुई बोतलों, बर्तनों, खोखले पेड़ के तने, कूलर, पानी के टैंक, पक्षियों के पानी के कंटेनर में जमे हुए साफ पानी में विकसित करता है।

यह सब देखते हुए जिला पठानकोट प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पठानकोट के उपायुक्त हरवीर सिंह ने कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम के साथ डेंगू को लेकर विशेष बैठक की थी. इस बैठक में विभिन्न विभागों को डेंगू से निपटने के लिए शुरुआत में ही मुकम्मल इंतजाम करने को कहा गया। इन आदेशों को लागू करते हुए नगर निगम विभाग ने शहर के विभिन्न इलाकों में फॉगिंग शुरू कर दी है।

साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से लोगों को डेंगू बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पठानकोट के मेयर पन्ना लाल भाटिया ने कहा कि डेंगू के लार्वा साफ पानी में पैदा होते हैं। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह देखने में आया है कि लोग अपने घरों में पुराने कूलरों, टूटे बर्तनों, खाली बोतलों, पानी की टंकियों और पक्षियों के लिए कंटेनरों में रखे पानी को नहीं बदलते हैं। इसी रुके हुए पानी में डेंगू के लार्वा पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू की रोकथाम के लिए विभाग से अधिक आम लोगों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा है कि अगर हम विभाग के निर्देशों का पालन करेंगे तो इस लार्वा से मच्छर पैदा नहीं होंगे।

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