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प्रताप बाजवा के बमों को लेकर दिए बयान का उद्देश्य केवल लोगों को डराना : CM मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं को चेतावनी दी कि वे धमकी और दहशत की राजनीति में शामिल होने से बचें क्योंकि लोग उनके विभाजनकारी और शरारतपूर्ण रवैये को कभी

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Pratap Bajwa statement on bombs: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं को चेतावनी दी कि वे धमकी और दहशत की राजनीति में शामिल होने से बचें क्योंकि लोग उनके विभाजनकारी और शरारतपूर्ण रवैये को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को एक आधारहीन और तर्कहीन बयान दिया था कि राज्य में 50 बम लाए गए हैं, जिनमें से 18 फट चुके हैं और 32 अभी भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इस तर्कहीन बयान का उद्देश्य केवल लोगों को डराना और उनके मन में दहशत पैदा करना था।

वह पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की जयंति पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में न तो राज्य और न ही केंद्रीय एजैंसियों के पास कोई जानकारी है, फिर भी कांग्रेस नेता ने यह गलत और अप्रासंगिक बयान दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस तरह का उदासीन और गैर-जिम्मेदाराना रवैया अनुचित है। उन्होंने कहा कि प्रताप सिंह बाजवा बमों की स्थिति बताने के बजाए अब अपने गलत कार्यो के लिए कानून से बचने के लिए वकीलों के पीछे भाग रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को इस तरह का हंगामा करने के बजाए मुद्दों पर आधारित राजनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पारंपरिक पार्टियां उनसे ईष्र्या करती हैं क्योंकि वे एक साधारण परिवार से हैं और लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं का हमेशा मानना था कि उन्हें राज्य पर शासन करने का ईश्वरीय अधिकार है, जिसके कारण वे यह हजम नहीं कर पा रहे कि एक आम आदमी राज्य को कुशलतापूर्वक चला रहा है।

मान ने कहा कि राज्य ने एक नए युग की शुरुआत देखी है, क्योंकि अजेय माने जाने वाले इन नेताओं को लोगों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मुख्य मंत्री ने कहा कि जो लोग 25 साल तक राज करने का दावा करते थे, उन्हें लोगों ने राजनीतिक रूप से गुमनामी में भेज दिया है। भगवंत सिंह मान ने व्यंग्य करते हुए कहा कि बड़े महलों में रहने वाले इन लोगों ने कभी भी आम आदमी की भलाई की परवाह नहीं की और अपने आपको अपने घरों की ऊंची दीवारों में कैद कर लिया।

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