लावारिस कुत्तों के जन्म पर नियंत्रण के लिए बनाए गए 2023 के नियमों को अपनाने के बावजूद चंडीगढ़ में इसका पालन न होने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने नगर निगम और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को नोटिस कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। वकील विक्रम बर और विश्वजीत बेनीवाल के माध्यम से हाई कोर्ट को बताया गया कि चंडीगढ़ में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल 2023 को मार्च में अपनाया गया था। इसके तहत लावारिस कुत्तों को भोजन डालने के लिए विशेष स्थान निर्धारित करने का प्रावधान है स्थान को निर्धारित यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह बच्चों के खेलने की जगह से दूर हो इसमें कुत्तों को खाना डालने का समय तय करने का भी प्रावधान है।
इसके साथ ही कुत्तों की नसबंदी के माध्यम से इनकी आबादी पर नियंत्रण के लिए भी नियम बनाए गए हैं। मार्च में नियमों को अपनाने के बाद भी आज तक शहर में इसका पालन नहीं हुआ है। नगर निगम को मांग पत्र भेजा गया है लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ वही एनिमल वेलफेयर बोर्ड दिल्ली को भी नियमों का पालन करवाने के लिए संपर्क किया गया है। कल की आईटीआई का जवाब भी नगर निगम ने संतोषजनक नहीं दिया निगम ने कहा कि नियमों का पालन करवाने के लिए एक एनजीओ को जिम्मेदारी दी गई।नियमों का पालन कहां तक हुआ इसके बारे में जानकारी न देते हुए यह बताया गया कि डॉग बाय लॉस में संशोधन की प्रशासन तैयारी कर रहा है।
नियमों के अनुसार लवस कुत्तों के बाद ही को रोकने की जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। हाई कोर्ट ने याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद याचिका पर नगर निगम और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।