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पंजाब प्रतिनिधिमंडल ने निर्मला सीतारमण से की मुलाकात; आरडीएफ और एमडीएफ मुद्दों का तत्काल समाधान करने का किया आग्रह

चंडीगढ़: ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) और मार्केट विकास निधि (एमडीएफ) से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने के लिए एक ठोस प्रयास के तहत, पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक, सासद विक्रमजीत सिंह साहनी और पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की।

प्रतिनिधिमंडल ने 7000 करोड़ रुपये की आरडीएफ और एमडीएफ भुगतान राशि जारी करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, जो पंजाब के व्यापक कृषि विपणन बुनियादी ढांचे को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

यहां मीडिया से बातचीत करते हुए बैठक का विवरण देते हुए पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि बैठक में रचनात्मक चर्चा हुई, जिसमें प्रतिनिधिमंडल ने आरडीएफ और एमडीएफ के भुगतान में देरी के कारण पंजाब के सामने आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के अधिकारी भी हमारे साथ आए थे, जिन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री को मंडी बोर्ड, मंडियों, मंडियों को जोड़ने वाली सड़कों और अन्य कृषि विपणन बुनियादी ढांचे के विकास में इन निधियों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में अवगत कराया।”

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब, जो एक विकेन्द्रीकृत खरीद (डीसीपी) राज्य है, के मामले में आरडीएफ और एमडीएफ की तुलना अन्य गैर-डीसीपी राज्यों के साथ नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडी अवसंरचना का विकास दशकों में हुआ है और इससे खरीद प्रक्रिया में काफी सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा, “हमें आरडीएफ/एमडीएफ पर अधिक शुल्क लगाना पड़ता है, क्योंकि हमारे पास इतना विशाल और समय-परीक्षणित बुनियादी ढांचा है, जो किसी अन्य राज्य के पास नहीं है। आरडीएफ और एमडीएफ की वजह से ही हम अपने दूरदराज के गांवों को मंडियों से जोड़ने वाली सड़कों का एक विशाल नेटवर्क विकसित करने में सक्षम हुए हैं। इन सड़कों को अब रखरखाव और रीकार्पेटिंग की आवश्यकता है, जो आवश्यक आरडीएफ/एमडीएफ फंड के बिना संभव नहीं होगा।”

आरडीएफ और एमडीएफ मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की आवश्यकता पर बल देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि फंड जारी करने में किसी भी प्रकार की देरी से राज्य की बुनियादी ढांचे को बनाए रखने की क्षमता गंभीर रूप से सीमित हो जाएगी और खरीद संबंधी समस्याएं पैदा होंगी, जो कि पंजाब सरकार और भारत सरकार बिल्कुल भी नहीं चाहती है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संबंध में शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा तथा पंजाब के कृषि बुनियादी ढांचे के निरंतर विकास और रखरखाव के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा आरडीएफ और एमडीएफ भुगतान शीघ्र जारी किए जाने की उम्मीद है।

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