श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर पंजाब के राज्यपाल ने गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब में माथा टेका

पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने गुरुद्वारा बंगला साहिब में श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर माथा टेका

नई दिल्ली: पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने गुरुद्वारा बंगला साहिब में श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर माथा टेका और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में पुरोहित ने अरदास की और पूज्य गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि श्री गुरु अर्जुन देव जी की शहादत हमें न्याय, समानता और निस्वार्थता के मूल्यों की याद दिलाती है, जिनका उन्होंने हमेशा समर्थन किया।

मीडिया से बातचीत करते हुए पुरोहित ने आधुनिक युग में श्री गुरु अर्जुन देव जी की शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने आदि ग्रंथ के संकलन में गुरुजी के योगदान पर प्रकाश डाला, जिसने सिख धर्म के आध्यात्मिक और नैतिक ढांचे की नींव रखी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस उनकी शिक्षाओं और मानवता के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान पर चिंतन का दिन है, जिसे सिख समुदाय द्वारा दुनिया भर में गहरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

पुरोहित ने कहा, “आज देश का बहुत बड़ा दिन है और मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस पवित्र गुरूद्वारे में माथा टेकने का अवसर मिला।” उन्होंने पूरे देश की जनता की खुशहाली की कामना की और कहा कि गुरूओं की असीम कृपा से हमारा देश शांतिपूर्ण भाईचारे के वातावरण में आगे बढ़ेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि गुरूओं की कृपा और आशीर्वाद से हमारा देश एक बार फिर से विश्वगुरू बनेगा। उन्होंने सभी से इस पवित्र दिन को हमेशा याद रखने का आग्रह भी किया।

इस दौरान राज्यपाल के साथ उनके अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिव प्रसाद, आईएएस भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में अन्य कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्व भी मौजूद थे, जिन्होंने इस विशेष अवसर पर अपनी श्रद्धा व्यक्त की और श्री गुरु अर्जुन देव जी की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने राज्यपाल का स्वागत किया और उन्हें गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धन्यवाद दिया। समिति ने राज्यपाल के आगमन को विशेष महत्व का दिन बताया और उनके द्वारा दी गई श्रद्धांजलि को सिख समुदाय के लिए प्रेरणादायक बताया।

इस प्रकार का आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को मजबूत करता है बल्कि समाज में समरसता और एकता को भी बढ़ावा देता है। श्री गुरु अर्जुन देव जी की शिक्षाएं और उनका बलिदान आज भी समाज के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कायम हैं।

- विज्ञापन -

Latest News