चंडीगढ़: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने पंजाब के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के इस दावे को भ्रामक एवं तथ्यों से दूर बताया है। आयोग ने राज्य की प्रधान सचिव जसप्रीत तलवार की गिरफ़्तारी और एनसीएससी के समक्ष उन्हें पेश करने का आदेश वापस ले लिया है। यह जानकारी आयोग के निदेशक (मुख्यालय) कौशल कुमार ने दी है ।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने कल एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था “राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने 6 जनवरी 2023 को प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा जसप्रीत तलवाड़ को गिरफ़्तार करके आयोग के सामने पेश करने सम्बन्धी दिए गए अपने आदेशों को वापिस ले लिया है। आयोग द्वारा आज जारी किए गए नए आदेशों के अनुसार प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा जसप्रीत तलवाड़ पहले से ही निर्धारित तारीख को बगैर पुलिस कार्यवाही के आयोग के समक्ष पेश होंगे”।
तथ्य यह है कि 9 जनवरी को सुश्री जसप्रीत तलवार ने एनसीएससी को एक पत्र लिखा जिसमें 2 जनवरी को सुनवाई में शामिल नहीं होने के कारणों का विवरण दिया और गिरफ़्तारी वारंट को वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि वह 17 जनवरी 2023 सुबह 11 बजे को एनसीएससी मुख्यालय में सुनवाई के लिए पेश होंगी । मुख्य सचिव पंजाब ने भी सुश्री जसप्रीत तलवार द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए, 10 जनवरी को एनसीएससी को पत्र लिखकर उक्त वारंट को वापस लेने का अनुरोध किया |
सच यह है कि सरकार की प्रेस विज्ञप्ति में यह छुपाया गया है कि जसप्रीत तलवार ने आयोग से गिरफ्तारी वारंट वापस लेने का अनुरोध किया था और यही अनुरोध अगले दिन मुख्य सचिव द्वारा किया गया था। इसके अलावा, विज्ञप्ति में गलत तरीके से कहा गया है कि एनसीएससी ने जसप्रीत तलवार को आयोग के सामने पेश होने के लिए नए आदेश जारी किए हैं। उपरोक्त तथ्यों के मद्देनज़र कौशल के अनुसार यह स्पष्ट है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग पंजाब ने तथ्यात्मक रूप से गलत प्रेस विज्ञप्ति जारी की है ।