चंडीगढ़: राज्य के किसानों को ‘वाट्सऐप और डिजी-लॉकर के द्वारा जे-फॉर्म के डिजीटाईजेशन’’ के रूप में सबसे बेहतर नागरिक समर्थकीय सुविधा देने के लिए पंजाब मंडी बोर्ड ने 8वां डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन अवॉर्ड हासिल किया है। आज यहाँ गुवाहाटी में हुए समारोह के दौरान असम के सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री ने पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकारियों को यह अवॉर्ड प्रदान किया। यह अवॉर्ड असम में सीनियर अफ़सरशाहों और आईटी विभाग असम के माहिरों के अधीन ज्यूरी के नेतृत्व अधीन दिया गया। समारोह के दौरान, ज्यूरी ने डिजिटल संचार के लिए नए मापदंड स्थापित करने के लिए पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा पेश किए नवीन संचारकों की सराहना की।
जानकारी देते हुए मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत ने बताया कि पंजाब को लगभग सभी विभागों में ई-गवर्नेंस स्थापित करने के नवीन प्रयास करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड ने साल 2020 में कोविड-19 के दौरान ई-प्रोक्युरमेंट की विधि स्थापित करके यह नवीन पहल शुरू की। उन्होंने कहा कि तब से लेकर अब तक बोर्ड की आईटी टीम ने हितधारकों की सुविधा के लिए कई ई-सेवाएं जैसे कि ऑनलाइन लाइसेंस, ऑनलाइन भुगतान, जे-फॉर्म का डिजीटाईज़ेशन, ऑनलाइन खरीद, पंजाब में आने वाली बाहरी राज्य की फ़सल की रिकॉर्डिंग के लिए वीटीएस ऐप, ई-नीलामी पोर्टल, ई-डाक पोर्टल और अन्य ई-सुविधाएं शुरू की है। भगत ने कहा कि इन डिजिटल पहलों ने न केवल स्टाफ और लॉजिस्टिक्स खर्चों को बचाया है बल्कि कामकाज में पारदर्शिता और कुशलता को सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ हितधारकों की सुविधा के लिए ई-लाइसेंस, ई-पास, समर्पित गेटवे के द्वारा भुगतान को सुनिश्चित बनाया है।
सचिव मंडी बोर्ड ने बताया कि इससे लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की समय-सीमा 1.5 महीने से घटकर 1 सप्ताह करने में भी मदद मिली है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड ने विशेष एकीकृत प्रबंधन प्रणाली (आईएमएस) पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उपभोक्ता एक ही जगह एकत्रित किए डेटा तक पहुँच कर सकते हैं। भगत ने कहा कि यह गर्व और संतुष्टी की बात है कि पंजाब मंडी बोर्ड ने ‘‘मोस्ट इनोवेटिव सिटिजन ऐंगेजमैंट थ्रू टैक्नॉलॉजी’’ श्रेणी का अवॉर्ड हासिल किया है।
सचिव मंडी बोर्ड ने आगे कहा कि राज्य के किसानों को वाट्सऐप और डिजी-लॉकर के द्वारा जे-फॉर्म को डिजीटाईज़ करने के विचार से बहुत लाभ हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि नागरिक अलग-अलग सरकारी योजनाओं के अंतर्गत लाभ लेने के लिए इस डिजिटल रसीद का प्रयोग आमदन के सबूत के तौर पर कर सकते हैं। भगत ने कहा कि जे-फॉर्म की यह डिजिटल रसीद न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि अलग-अलग सरकारी सब्सिडियों में डुप्लिकेट होल्डरों को हटाने में सरकार की भी मदद करती है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों के इस अनूठे आंकड़ों से न केवल पंजाब मंडी बोर्ड बल्कि अलग-अलग अन्य सरकारी विभागों को भी नागरिकों तक सब्सिडियाँ प्रदान करने में मदद की है।