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पंजाब पुलिस की AGTF ने जेल में बंद गैंगस्टर दीपक टीनू के गुर्गे को किया गिरफ्तार; पिस्तौल वं पांच जिंदा कारतूस बरामद

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार राज्य में संगठित आपराधिक नेटवर्क को नष्ट करने के लिए चल रही मुहिम के बीच, पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने जेल में बंद गैंगस्टर दीपक टीनू के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है, जो लॉरेंस बिश्नोई और विदेश स्थित आतंकवादी गोल्डी बराड़ गैंग का सहयोगी है, यह जानकारी गुरुवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी। गिरफ्तार आरोपी की पहचान एसएएस नगर के मेमंदपुर निवासी विजय के रूप में हुई है, जिसने 2017 में गैंगस्टर दीपक टीनू को भागने में मदद की थी।

गिरफ्तार आरोपी का आपराधिक इतिहास रहा है और उसके खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कई जघन्य अपराध के मामले दर्ज हैं। पुलिस टीमों ने उसके कब्जे से एक 30 कैलिबर पिस्तौल और पांच जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एडीजीपी प्रमोद बान की देखरेख में एजीटीएफ टीमों ने राजपुरा-चंडीगढ़ राजमार्ग पर गगन चौक के पास जाल बिछाया और आरोपी व्यक्ति के कब्जे से एक पिस्तौल बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस टीमों का नेतृत्व एआईजी गुरमीत सिंह चौहान और एआईजी संदीप गोयल तथा डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ कर रहे थे। डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी को उसके जेल में बंद/विदेशी आकाओं ने प्रतिद्वंद्वी बंबीहा गैंग के सदस्यों की हत्या करने का काम सौंपा था।

उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है। एआईजी संदीप गोयल ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2018 में आरोपी विजय मलेशिया भाग गया था और वहां रहते हुए उसने मृतक गैंगस्टर अंकित भादू के माध्यम से अंबाला शहर के सर्राफा बाजार में एक ज्वैलर की हत्या को अंजाम दिया था। गौरतलब है कि गैंगस्टर अंकित भादू को 2019 में पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस मामले में आरोपी विजय 2 साल तक अंबाला जेल में रहा था। पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम, पंजाब में आर्म्स एक्ट की धारा 25(6)(7) के अंतर्गत एफआईआर संख्या 23 दिनांक 12-06-24 को मामला दर्ज किया गया है।

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