चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ कहा कि राज्य का कर विभाग अपने डिजिटल कर प्रशासन को और मज़बूत करने के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर और तकनीकी समाधान अपनायेगा जिससे आजकल के कारोबारी माहौल की चुनौतियों का सामना किया जा सके।
यहाँ उद्योग भवन में तेलंगाना जी.एस.टी प्रशासन का अध्ययन करके वापिस लौट कर कमिशनरेट के अधिकारियों की टीम के साथ समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि नये स्थापित किये गए टैक्स इंटेलिजेंस यूनिट ( टी.आई.यू.) द्वारा अपनायी गई डिजिटल तकनीकें कर प्रणाली को बेहतर ढंग के साथ लागू करने, कर आधार बढ़ाने और चोरी को रोकने में कर अधिकारियों की सहायता करने में कारगर साबित हो रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को किसी भी संभावित कर चोरी, गलत रिपोर्टिंग और प्रशासनिक त्रुटियों को रोकने के लिए राज्य की ज़रूरतों अनुसार विशेष तौर पर तैयार किये जा सकने वाले तकनीकी समाधानों को तलाशने के लिए उत्साहित किया।
इस दौरान तेलंगाना दौरे से वापिस लौटी टीम ने राज्य के अध्ययन दौरे के बारे अपने तजुर्बे साझा किये और जीएसटी प्रशासन में तेलंगाना द्वारा अपनाए गए बढ़िया अभ्यासों के बारे विस्तारपूर्वक बताया। टीम द्वारा एक पावर प्वाइंट पेशकारी दी गई जिसमें तेलंगाना द्वारा अपनाये गए अभ्यासों जैसे कि ऑनलाईन निगरानी प्रणाली, रिटर्न की पालना, रिटर्नों की पड़ताल, रिफंड के बाद आडिट आदि को दिखाया गया। उन्होंने वित्त मंत्री को अवगत करवाया कि जी.एस.टी प्रशासन को बढ़िया ढंग से लागू करने के लिए ज़रुरी डाटा विश्लेषण और आई.टी. आधारित मॉड्यूलों के विकास में आई.आई.टी हैदराबाद द्वारा तेलंगाना की सहायता की जा रही है।
चीमा ने टीम को तेलंगाना के सर्वोत्तम अभ्यासों को पंजाब द्वारा अपनाये जा रहे बढ़िया अभ्यासों के साथ जोड़ने के लिए रणनीति बनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह तकनीकी समाधानों के साथ ईमानदार करदाताओं को कोई दिक्कत न हो और यह तकनीकी समाधान डिजिटल कर प्रशासन की आए दिन विकल्प की ज़रूरतों को पूरा करते हों।