गुरदासपुर (अवतार सिंह) : टूरिस्ट वीजा पर रूस गए कई युवाओं को फर्जी तरीके से सेना में शामिल कर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भेज दिया गया। अब इन युवाओं ने एक वीडियो संदेश के जरिए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। कुल 14 युवक हैं, जिनमें से 7 पंजाब के हैं। गुरदासपुर के सीमावर्ती कस्बे दीनानगर के गांव अवांखां के रवनीत सिंह और गांव जांडेय के युवक विक्रम भी 11 लाख रुपए खर्च कर टूरिस्ट वीजा पर रूस गए थे। बेलारूस में उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और रूसी सैनिकों को सौंप दिया। उनके मुताबिक इन सैनिकों ने उन्हें जबरदस्ती अपनी सेना में भर्ती कर लिया है और अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं।
गांव के युवक रवनीत सिंह और विक्रम के माता-पिता ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि उनके बच्चों को भारत वापस लाया जाए। पीड़ित रवनीत सिंह की बहन नवदीप कौर और मां कुलवंत कौर ने कहा कि वे एक गरीब परिवार से हैं और उन्होंने अपने बेटे को विदेश भेजने के लिए कर्ज लिया था।
एजेंट ने वादा किया था कि वह उनके बेटे को काम के लिए किसी अच्छे देश भेज देगा, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें फोन आया कि उनका बेटा रूस में पकड़ लिया गया है और उसे जबरदस्ती सेना में भर्ती कर लिया गया है। दोनों परिवार गहरे सदमे में हैं और उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनके बेटों का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और उन्हें भारत वापस लाया जाए।
ट्विटर पर वीडियो हाे रहा हैं वायरल
ट्विटर पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें गगनदीप सिंह नाम का युवक अपना पूरा दुखड़ा सुना रहा है। उनके मुताबिक, वह 27 दिसंबर को नए साल का जश्न मनाने के लिए अपने दोस्तों के साथ रूस के लिए निकले थे। उसने रूस का 90 दिन का वीजा लिया था। वहां एक एजेंट ने उन्हें बेलारूस ले जाने की पेशकश की। वे सभी बिना वीजा के बेलारूस गए क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि वहां वीजा की आवश्यकता होती है। वहां युवकों को पुलिस ने पकड़ लिया और रूसी अधिकारियों को सौंप दिया। रूसी अधिकारियों ने उनसे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए और अब उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा हैं।