यह भगवान श्री राम का ही प्रताप-आशीर्वाद है कि बेशक राम लला की मूर्ति स्थापना को लेकर कार्यक्रम अयोध्या में हो रहा है लेकिन वैसा ही राममय माहौल हजारों मील दूर पंजाब के जालंघर में देखने को मिल रहा है। उत्तरी भारत का प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर आयोध्या से कम नहीं लग रहा है।
मंदिर को देशभर से रंग बिरंगे फूल मंगला कर और रंगीन रोशनियां लगाकर भव्य तरीके से सजाया गया है। श्री राम लला की मूर्ति स्थापना को लेकर श्री देवी तालाब मंदिर की आभा देखते ही बन रही है। मंदिर में श्री राम लला की मूर्ति स्थापना अवसर पर सवा लाख दीपक प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा विशेष तौर पर भगवान श्री राम के स्वागत के लिए रंगोलियां बनाई जा रही हैं।
प्रधान शीतल विज खुद ले रहे सारी तैयारी का जायजा
पंजाब के प्रसिद्ध उद्योगपति एवं श्री देवी तालाब मंदिर कमेटी के प्रधान श्री शीतल विज स्वयं श्री राम लला के स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं। वह हर प्रकार की तैयारी चाहे मंदिर की सजावट हो या फिर सवा लाख दीपक प्रज्ज्वलित करने क व्यवस्था, हर काम का खुद जायजा ले रहे हैं। वह श्री राम लला के स्वागत में किसी तरह की कोई कमी नहीं रखना चाहते हैं।
वह हर काम का अपने आप बारिकी से जायजा ले रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 500 साल की लंबी लड़ाई, प्रयासों और कई राम भक्तों की कुर्बानी के बाद अब श्री राम जी मंदिर का निर्माण हो रहा है। मंदिर में श्री राम लला जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। इसे लेकर लोगों में खासा उत्साह है।
श्री देवी तालाब मंदिर कमेटी के प्रधान श्री शीतल विज ने कहा कि मंदिर में बेशक दीपक प्रज्ज्वलित करने का कार्यक्रम कल है लेकिन श्रद्धालुओं का तांता अभी से लगना शुरू हो गया है। उन्होनें कहा कि मंदिर परिसर में सजावट से लेकर अन्य सारी सुविधाएं जुटाने कते लिए मंदिर की कमेटी पिछले एक महीने से लगी हुई है। उन्होनें कहा कि श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग तरह के लंगर लगाए जा रहे हैं।
श्रद्धालुओं को मंदिर में श्रद्धालुओं की सारी सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। प्रधान श्री शीतल विज ने देश-विदेश में रहते पंजाबियों से अपील भी की है कि वह सोमवार को श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अपने-अपने घरों-परिसरों और मंदिरों में जाकर दीपक प्रज्ज्विलित करें। दीपावली की तरह रोशनी करें। उन्होनें कहा कि यह जीत हमें सैंकड़ों साल लड़ाई के बाद मिली है।