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खनन से 472.50 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड कमाई: चेतन सिंह जौड़ामाजरा

चंडीगढ़: खनन मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने लोगों को सस्ती दरों पर रेत और बजरी देने के बावजूद पिछले 2 वित्तीय साल के दौरान कुल 472.50 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया है। इस संबंध में अधिक विवरण देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि विभाग ने विभिन्न स्रोतों से बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 247 करोड़ रुपए जुटाए और मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 2 जनवरी, 2024 तक 225.50 करोड़ रुपए की आमदन प्राप्त की है।

उन्होंने बताया कि विभाग को सार्वजनिक खनन खड्डों (पी.एम.एस) से 13.5 करोड़ रुपए, वाणिज्यिक खनन खड्डों (सी.एम.एस.) से 8.8 करोड़ रुपए, अंतर्राज्यीय खनन गतिविधियों से 146.1 करोड़ रुपए, ईंट भट्ठा मालिकों के लाइसैंस से 22.5 करोड़ रुपए, कम समय-सीमा के परमिटों से 96.03 करोड़ रुपए, नियम 75 के अंतर्गत जुर्माने से 7.92 करोड़ रुपए, अन्य स्रोतों जैसे क्रशर, रजिस्ट्रेशनों, क्रशर ई.एम.एफ, डिमांड नोटिसों और वाहन परमिटों आदि से 94.21 करोड़ रुपए, डी-सिल्टिंग साइटों से 30.86 करोड़ रुपए और बाकी ब्लॉकों से 60 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के कारण मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान डी-सिल्टिंग साइटों से होने वाली आमदन को बाहर रखा गया है, जिस कारण खनन विभाग द्वारा डी-सिल्टिंग साइटें सरैंडर करने के कारण लगभग 450 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है।

2024-25 में 300 करोड़ की आमदन का अनुमान
जौड़ामाजरा ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 307 करोड़ रुपए और अगले वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए 300 करोड़ रुपए की आमदन होने का अनुमान है। मीडिया के एक हिस्से से आई रिपोर्ट को बेबुनियाद, गुमराह करने वाली और मनघड़ंत बताते हुए चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट में दिखाए गए राजस्व के आंकड़े केवल सार्वजनिक खनन खड्डों और वाणिज्यिक खनन खड्डों से होने वाले राजस्व को दिखाते हैं और इसमें अन्य प्रमुख स्रोतों से होने वाले राजस्व को शामिल नहीं किया गया है। जौड़ामाजरा ने कहा इसके अलावा मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा रेत माफिया पर नकेल कसी गई है।

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