भोग के चढ़ावे से मांगे गए 78,000 रुपए, भाकियू एकता सिद्धूपुर की लिस्ट वायरल!

बठिंडा/जालंधर: दिल्ली चलो ऐलान में युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहीं जत्थेबंदियों की चिंताजनक भूमिका एक बार फिर सामने आई है। खर्च की एक सूची वायरल हो रही है, जिसमें शुभकरण के संस्कार और भोग में हुए खर्च का हिसाब-किताब दर्ज है। इसके आधार पर शुभकरण के.

बठिंडा/जालंधर: दिल्ली चलो ऐलान में युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहीं जत्थेबंदियों की चिंताजनक भूमिका एक बार फिर सामने आई है। खर्च की एक सूची वायरल हो रही है, जिसमें शुभकरण के संस्कार और भोग में हुए खर्च का हिसाब-किताब दर्ज है। इसके आधार पर शुभकरण के परिवार से यह खर्च मांगा जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है कि यह खर्च शुभकरण के चढ़ावे में से दिया जाए। यह चढ़ावा गुरुद्वारा साहिब की गोलक में है। शुभकरण के परिवार वाले कहते हैं कि भोग पर जो भी चढ़ावा आया होगा, उस पर सिर्फ गुरुद्वारा साहब का अधिकार है।

यह सूची कथित रूप से भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के कुछ सदस्यों की ओर से तैयार की गई है। इसके आधार पर शुभकरण सिंह के परिवार से खर्चा मांगा गया है। उनसे कहा जा रहा है कि यह पैसा गुरुद्वारा साहिब की गोलक से दिलाया जाए। वायरल हो रही सूची में पूरे 78,000 रुपए का ब्योरा मदवार दर्ज किया गया है। इसमें साफसफाई के खर्च से लेकर, डीजल, काला कपड़ा, संस्कार की लक्कड़, डेढ़ सौ लीटर दूध, बोर्ड, μलैक्स, फूल, टैंट, पाठियों का खर्च जैसा ब्योरा दर्ज है। इससे पहले ऐसा ही एक आडियो वायरल हुआ था।

इसमें कहा जा रहा है कि किसान जत्थेबंदियां भोग के खर्च के नाम पर गोलक में आए पैसे में अपना हिस्सा मांग रही हैं। शुभकरण का भोग इतवार को बठिंडा में उसके गांव बल्लों में हुआ था। बताते हैं कि गोलक में लगभग 90 हजार चढ़ावा आया। आॅडियो के अनुसार, किसान जत्थेबंदियों की ओर से एक लाख रुपए मांगे गए। यह भोग और अन्य खर्च के लिए मांगा गया। आडियो में ऐसा अनाउंसमेंट किया जा रहा है कि गोलक में इकट्ठे हुए पैसे मांगे जा रहे हैं।

ऐसी मांग होने के बाद गुरुद्वारा साहिब में सुबह सभी गांवगावों को इकट्ठा होने की अपील की गई। ताकि इस बारे में कोई निर्णय लिया जा सके। पहले इस आडियो और अब खर्च की लिखित सूची सामने आने से किसान जत्थेबंदियों के मंसूबों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। उसके भोग पर इकट्ठा हुआ पैसा ही किसान नेताओं की ओर से गुरुघर से मांगा जा रहा है। खुद गुरुघर से यह खुलासा हुआ है। ऐसे में सवाल उठते हैं कि किसान जत्थेबंदियां किसानों के हित में आंदोलन कर रही हैं, या फिर उनके मंसूबे कुछ और ही हैं।

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