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गढ़शंकर क्षेत्र के सभी गांवों में लागू होगा ‘सीचेवाल मॉडल‘ : जय कृष्ण रोड़ी

जालंधर। पंजाब विधानसभा के उपाध्यक्ष जय कृष्ण रोड़ी ने रविवार को कहा कि विधानसभा क्षेत्र गढ़शंकर के सभी गांवों में ‘सीचेवाल मॉडल’ के तहत गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की जाएगी। रोड़ी निर्मल कुटिया सीचेवाल में नतमस्तक होने के बाद, सीचेवाल मॉडल और नर्सरियों का निरीक्षण करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गढ़शंकर क्षेत्र के 178 गांवों की पंचायतों को सीचेवाल और सुल्तानपुर लोधी लाया जाएगा, ताकि वे ‘सीचेवाल मॉडल’ का अध्ययन कर सकें। श्री रोड़ी ने इसे राज्य का बेहतरीन मॉडल बताते हुए कहा कि जिस मॉडल को देश की राष्ट्रीय नदी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए अपनाने की सिफारिश की गई हो, वह मॉडल भला कैसे असफल हो सकता है। उन्होंने पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा सीचेवाल मॉडल को असफल बताने की कड़ी निंदा की।

रोड़ी ने कहा कि सीचेवाल मॉडल के तहत शोधित पानी का उपयोग खेती के लिए किया जाता है, जिससे भूजल का संरक्षण संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि यह पहल पंजाब के जल-संकट और प्रदूषण की समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस नेता बाजवा द्वारा सीचेवाल मॉडल को विफल बताने के बाद, डिप्टी स्पीकर ऐसे पहले नेता हैं, जिन्होंने स्वयं सीचेवाल पहुंचकर इस मॉडल का अध्ययन किया और अपने विधानसभा क्षेत्र के 178 गांवों में इसे लागू करने का ऐलान भी किया।

बाजवा द्वारा संत सीचेवाल को ‘ठेकेदार’ कहे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जय कृष्ण रोड़ी ने कहा कि संत सीचेवाल ने वास्तव में राज्य को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों के दौरान जिस गंदगी के कारण जो बुड्डा दरिया प्रदूषित हुआ था, उसे साफ करने की जिम्मेदारी संत सीचेवाल ने उठाई है। उन्होंने कहा कि जिस मंशा से बाजवा ने संत सीचेवाल को ‘ठेकेदार’ कहा, उसे पंजाब के लोगों ने बहुत बुरा माना है।

इस मौके पर राज्यसभा सदस्य और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने रोड़ी को सिरोपा और पौधा भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने डिप्टी स्पीकर को सीचेवाल मॉडल के तहत गांव में गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था दिखाई और बताया कि यह मॉडल वर्ष 1999 से सफलतापूर्वक चल रहा है। छब्बीस वर्षों में इसकी केवल दो बार सफाई की गई है। संत सीचेवाल ने शोधित पानी का टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) मापकर दिखाया, जो 499 तक था।

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