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SGPC अध्यक्ष हरजिंदर धामी ने कंगना रनौत की Emergency film पर प्रतिबंध लगाने की मांग

अमृतसर। कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर रिलीज होने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कंगना ने यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाने के लिए बनाई है। ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही हर तरफ से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सिखों के चरित्र को गलत तरीके से पेश करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सिख विरोधी और पंजाब विरोधी बयानों के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने सिखों का जानबूझकर चरित्र हनन करने के इरादे से यह फिल्म बनाई है, जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि जून 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी नैरेटिव बनाना समुदाय का अपमान करने का घृणित कृत्य है।

उन्होंने कहा कि जून 1984 में सिख विरोधी बर्बरता को कौम कभी नहीं भूल सकती तथा श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को कौमी शहीद घोषित किया गया है, जबकि कंगना रनौत की फिल्म उनके चरित्र हनन की कोशिश कर रही है। कंगना रनौत ने कई बार जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाले बयान दिए हैं, लेकिन सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को चाहिए कि फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए कंगना रनौत के खिलाफ मामला दर्ज करे। हरजिंदर सिंह धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी किए गए अंशों से साफ है कि इसमें सिखों के चरित्र को जानबूझकर अलगाववादी के तौर पर पेश किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है।

एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकार सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ को 85 कट के बाद भी रिलीज करने की मंजूरी नहीं दी गई, वहीं सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली इस इमरजेंसी फिल्म को तुरंत मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि ये दोहरे मापदंड देश के हित में नहीं हैं, इसलिए सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि फिल्मों से जुड़े ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, जब सिख पात्रों और सिखों की धार्मिक चिंताओं को गलत तरीके से पेश किए जाने के कारण सिख भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव से कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म पर तुरंत रोक लगाने की मांग की और कहा कि अब से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सिख विरोधी भावनाओं वाली कोई भी फिल्म रिलीज न हो।

हरजिंदर सिंह धामी ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने का आह्वान किया, क्योंकि सिख सदस्य न होने के कारण पक्षपातपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने पहले भी कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित करके मांग की है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि अवश्य शामिल किया जाए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि इस फिल्म के रिलीज होने से सिख समुदाय में काफी रोष और नाराजगी पैदा होना स्वाभाविक है।

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