अपने प्रभाव वाले प्रदेशों में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही शिवसेना हिन्दुस्तान : Pawan Gupta

शिवसेना हिंदुस्तान एवं हिंदुस्तान शक्ति सेना अपने प्रभाव वाले प्रदेशों में आने वाले लोकसभा चुनाव बड़े स्तर

पटियाला: शिवसेना हिंदुस्तान एवं हिंदुस्तान शक्ति सेना अपने प्रभाव वाले प्रदेशों में आने वाले लोकसभा चुनाव बड़े स्तर पर लड़ने जा रही है। पार्टी अपने एजैंडे पर अपने उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में खड़े करेगी। इस संबंध में शिवसेना हिंदुस्तान एवं हिंदुस्तान शक्ति सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन गुप्ता, पंजाब के सभी जिलों में तूफानी दौरा कर जिलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ आपातकालीन बैठक कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव की तैयारी के साथ-साथ संभावित उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा हो रही है।


इसी अभियान के तहत खन्ना में बीते दिन बैठक का आयोजन हो चुका है और आज पटियाला में शिवसेना हिंदुस्तान के वरिष्ठ नेताओं की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें शिवसेना हिंदुस्तान के वरिष्ठ नेता बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिनमें पार्टी के राष्ट्रीय सलाहकार हेमराज गोयल, स्वराज घुम्मन भाटिया धर्मप}ी (स्व. ललित भाटिया रिटायर्ड डीजीपी पंजाब पुलिस) प्रधान उत्तर भारत हिंदुस्तान महिला सेना, कांता बंसल उप प्रधान उत्तरी भारत, क्षमाकांत पांडे उप प्रधान, केके गाबा प्रधान व्यापार सेना, एडवोकेट पंकज गौर पंजाब प्रधान अधिवक्ता लीगल सेना, अमरजीत बंटी युवा सेना, हितेश रिंकू पंजाब प्रधान आईटी, रविंद्र सिंगला उप प्रधान पंजाब, दीपक वशिष्ठ, रिंकू शर्मा, राकेश कुमार जिला उपाध्यक्ष पटियाला उपस्थित रहे।


बैठक में लोकसभा चुनाव पटियाला के लिए सभी वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श किया गया। बैठक में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं ने अपने-अपने नाम प्रस्तावित किए जिनमे के के गाबा, एडवोकेट पंकज गौर, क्षमा कांत पांडे, दीपक वशिष्ठ के नाम शामिल हैं। बैठक के उपरांत पवन गुप्ता ने घोषणा की कि पार्टी पंजाब में 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के साथ-साथ देश के 10 प्रदेशों में अधिक से अधिक उम्मीदवार उतारने जा रही है।

आने वाले लोकसभा चुनाव पार्टी अपने एजैंडे पर लड़ेगी। पूर्व की प्रदेश सरकारों की तरह पंजाब की मौजूदा सरकार ने भी पंजाब के 45 प्रतिशत हिंदुओं के जख्मों पर मरहम नहीं लगाई और 35 हजार हिंदू आतंकवाद पीड़ितों के लिए जो 781 करोड रुपए का पैकेज मंजूर किया गया था, उसे देने के लिए पंजाब की सरकार ने भी कोई प्रयास नहीं किया है।

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