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तिरंगे में लिपटा आया बेटे का शव… शहीद सिपाही गुरप्रीत सिंह को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

गुरदासपुर (अवतार सिंह) : जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में ड्यूटी के दौरान बर्फीली पहाड़ियों से पैर फिसलने के कारण शहीद होने वाले जवान गुरप्रीत सिंह का पार्थिव शव टिबड़ी कैंट से होते हुए उसके गांव भैणी खादर में पहुंचा। पार्थिव शव गांव पहुंचने के बाद पूरे इलाके में माहौल गमगीन हो गया और शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर डॉक्टर हिमांशु अग्रवाल , कैबिनेट मंत्री पंजाब कुलदीप सिंह धालीवाल समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी और सैन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस मौके पर शहीद के पिता नरिंदर सिंह ने दुखी हृदय से अपने शहीद बेटे की चिता को मुख्य अग्नि दी। शहीद की माता लखविंदर कौर ने बताया कि छुट्टी आने के बाद 25 अगस्त को वह रिश्ता करवाकर वापिस लौट गया था और कहा था कि मार्च-अप्रैल को छुट्टी पर आएगी और शादी करेगा, लेकिन उसकी शहादत की खबर के बाद उन्होंने जो सपने संजोए थे वह सब सपने टूट गए।

सिपाही गुरप्रीत सिंह 6 साल पहले 73 फील्ड रेजीमेंट में भर्ती हुआ था तथा इन वर्षों में ज्यादातर वो आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में ही रहा। परिवार ने उनका बेटा पिछले साल अगस्त महीने वीनागुड़ी वेस्ट बंगाल से 45 दिन छुट्टी आया था। छुट्टी काटने के बाद वो सीधा 18 राष्ट्रीय राइफल्स जो कि जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र गुलमर्ग सेक्टर में तैनात था, जहां पर देश की सुरक्षा करते हुए वह शहादत का जाम पी गया। शहीद सिपाही गुरप्रीत सिंह अपने पीछे मां लखविंदर कौर, पिता नरिंदर सिंह व छोटा भाई हरप्रीत सिंह को छोड़ गया है। उन्होंने बताया कि गुरप्रीत अकेला कमाने वाला था। सारे घर की जिम्मेदारी इसी के कंधों पर थी मगर इसके चले जाने से परिवार पर जो दुखों का जो पहाड़ टूटा है, शायद ही इस सदमे से कभी यह परिवार उभर पाए।

उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार व प्रशासन उनका साथ दे। वहीं शहीद के परिवार के साथ दुख साझा करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री पंजाब कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ है और सरकार की तरफ से परिवार को पूरी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके लिए गर्व की बात है जिस गांव में वह खड़े है इस गांव के 100 के करीब नौजवान देश की सुरक्षा के लिए फौज में देश सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहीद गुरप्रीत सिंह के नाम पर गांव में एक स्टेडियम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान खुद परिवार से मिलने आएंगे और सरकार की तरफ से जो भी सरकारी सहूलतें हैं वह परिवार को जल्द दी जाएंगी।

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