Amarnath Yatra के मद्देनजर यात्रियों की सुरक्षा के लिए किए गए खास इंतजाम : Special DGP Arpit Shukla ने दी पूरी जानकारी

श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पंजाब पुलिस के 550 जवान, एसओजी, स्नाइपर टुकड़ी, बम निरोधक और अन्य कमांडो यूनिट तैनात की गई।

चंडीगढ़/पठानकोट : मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब पुलिस को श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने के बाद, विशेष पुलिस महानिदेशक (विशेष डीजीपी) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने बुधवार को इस संबंध में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पुलिस, सेना, नागरिक प्रशासन और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की हैं।

पठानकोट में आयोजित बैठक में चल रही अमरनाथ यात्रा के लिए रणनीतिक तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें पुलिस की तैनाती, सुरक्षा उपाय, यातायात प्रबंधन और आपदा प्रबंधन जैसे विविध पहलू शामिल थे। समीक्षा में हाल ही में कोट भट्टियां गांव, बामियाल में सशस्त्र संदिग्धों के देखे जाने और कठुआ जिले में एक सशस्त्र संदिग्ध के साथ मुठभेड़ से जुड़ी घटनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में पंजाब पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हिमाचल प्रदेश पुलिस, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा और श्री अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने 550 पंजाब पुलिस कर्मियों, एसओजी, स्नाइपर टुकड़ियों, बम निरोधक और अन्य कमांडो इकाइयों की तैनाती के साथ सुरक्षा के स्तर को और बढ़ा दिया है और पंजाब पुलिस द्वारा आठ द्वितीय रक्षा नाके स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रभावी प्रबंधन के लिए मार्ग को पांच सेक्टरों में विभाजित किया गया है और मार्ग पर सीएपीएफ की चार कंपनियां तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि लंगर स्थलों पर कैमरे लगाने, बुलेटप्रूफ मोर्चे लगाने और एसओजी की तैनाती सहित विशेष सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था करने और सभी पांच सेक्टरों में बलों की रणनीतिक तैनाती करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सेक्टर में ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस सेवाएं, टो वाहन और हाइड्रा पहले से ही मौजूद हैं।

अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच घनिष्ठ समन्वय की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए, विशेष डीजीपी ने यात्रा के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना और प्रभावी तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन निगरानी प्रणाली असामाजिक तत्वों पर नजर रखेगी और बीएसएफ और पठानकोट पुलिस द्वारा संचालित संयुक्त चेक पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी खतरे को रोकने के लिए नियमित रूप से कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन (CASO) और एंटी-टनलिंग ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।

किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए व्यापक आपदा प्रबंधन व्यवस्था की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने आग की घटनाओं या अचानक बाढ़ जैसी घटनाओं से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में डीआईजी बॉर्डर रेंज राकेश कौशल, डीआईजी बीएसएफ गुरदासपुर शशांक आनंद, डीआईजी बीएसएफ गुरदासपुर युवराज दुबे, डिप्टी कमिश्नर पठानकोट आदित्य उप्पल, एसएसपी पठानकोट सुहैल कासिम मीर, एसएसपी कठुआ अनायत अली और विंग कमांडर एआईएफ पठानकोट नरिंदर सिंह सहित प्रमुख अधिकारी और केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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