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पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी, वित्त मंत्री ने की पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक

नवांशहर। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा गुरुवार को नवांशहर पहुंचे, जहां उन्होंने जिला पुलिस-प्रशासन और अन्य लोगों के साथ बैठक की। यह बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा शुरू की गई नशे के खिलाफ युद्ध मुहिम के तहत आयोजित की गई थी। मीडिया से बातचीत के दौरान हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और प्रशासन को इस पर कठोर कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने अपने कार्यकाल में नशे के मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जबकि अब सरकार पूरी ताकत के साथ इस लड़ाई को लड़ रही है।

वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि हाल ही में उन्हें जानकारी मिली कि हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर इलाकों से भी नशे की सप्लाई हो रही है। इस पर कार्रवाई के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सख्त कदम उठाने की मांग की है। इस मौके पर नवांशहर के एसएसपी डॉ. महिताब सिंह और डिप्टी कमिश्नर भी मौजूद थे। बता दें कि पंजाब में नशे के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की गई है। एक अन्य कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मोहाली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि अगर कहीं पर कोई नशीला पदार्थ बेचता दिखे, तो फौरन उसकी जानकारी दें। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने पंजाब में नशे के खिलाफ एक युद्ध छेड़ा है। यह फैसला एक दिन में लिया जाने वाला फैसला नहीं है। इसे लेने में लंबा समय लगा है।

सीएम मान ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि ड्रग्स की सप्लाई लाइन तोड़ दीजिए। अब सप्लाई लाइन तो आप दो दिन में तोड़ देंगे, लेकिन इससे काम नहीं चलेगा। अगर आप सप्लाई लाइन तोड़ेंगे, तो इससे हमारे युवा नशे के लिए तड़पेंगे। ऐसी स्थिति में उनकी हालत पहले से भी बदतर हो जाएगी। इसी स्थिति से बचने के लिए हमने राज्य में पुनर्वास केंद्र बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग नशा करते हैं, उन्हें जेल में बंद करके क्या मिलेगा। ऐसे लोग तो मरीज हैं। इन्हें सलाखों में बंद करके कुछ नहीं होने वाला। हमें उनका उपचार करना होगा, ताकि उन्हें नशे से आजादी मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो युवा नशे की दलदल में फंसे हैं, ऐसे लोगों को हमें उस दलदल से बाहर निकालकर उनके लिए ऐसे कदम उठाने हैं कि वे आगे चलकर एक सामान्य और गरिमापूर्ण जीवन जी सकें। हमें इस काम के लिए कई लोग प्रेरित कर रहे हैं। कई लोगों के मुझे फोन आते हैं और मुझसे कहते हैं कि वे इस मिशन में हमारे साथ हैं।

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