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Sushma Group पर निवेशकों का गुस्सा: करोड़ों रुपये देने के बावजूद नहीं मिल रहा “सपनों का घर”…. निवेशकों ने किया विरोध प्रदर्शन

पंजाब डेस्क : जीरकपुर में बिल्डरों द्वारा निवेशकों से करोड़ों रुपए लेकर उनको प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री ना करवाना तथा उनका प्रॉपर्टी ना देना आम सी बात हो गई है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें सुषमा ग्रुप के बिल्डर द्वारा स्थानीय ढकोली क्षेत्र में अपने एक प्रोजेक्ट सुषमा क्रीसेंट 2 में फ्लैट देने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपया इकट्ठा किया था।

2019 में शुरू हुई थी प्रोजेक्ट की बुकिंग 

आपको बता दें कि बिल्डर द्वारा इस प्रोजेक्ट की बुकिंग 2019 में शुरू की गई थी, तथा 2021 तक निवेशकों को उनके सपनों के घर देने का वादा किया था। जबकि अधिकतर निवेशक अपने फ्लैट संबंधी पूरी पेमेंट देकर बैठे हुए हैं, लेकिन उनको अपने सपनों का घर नसीब नहीं हुआ। जिसके चलते इस प्रोजेक्ट के बहुत सारे निवेशक सुषमा बिल्डर के एलांते मॉल चंडीगढ़ में स्थित दफ्तर में पहुंच कर कंपनी के पदाधिकारीयों को मिले तथा दफ्तर के बाहर जोरदार नारेबाजी की।

जिंदगी की सारी जमा पूंजी लगा दी….

इस मौके बात करते हुए एक निवेशक ने कहा कि उसने अपनी जिंदगी की सारी जमा पूंजी सुषमा बिल्डर को फ्लैट खरीदने के लिए दे दी है, लेकिन पिछले 5 साल से वह फ्लैट लेने के लिए धक्के खा रहा है। लेकिन उसे बिल्डर द्वारा फ्लैट नहीं दिया जा रहा। इस संबंधी अगर हम सुषमा ग्रुप के किसी अधिकारी से बात करते हैं तो वह ठीक से बात नहीं करता। और अगर हम किसी अधिकारी को व्हाट्सएप पर कोई मैसेज भी भेजते हैं तो उसे मैसेज का जवाब भी नहीं दिया जाता जबकि फ्लैट की बुकिंग के समय सारे अधिकारी हमारे साथ बड़ी मीठी-मीठी बातें किया करते थे।

भिखारी बनकर अपने फ्लैट के लिए भीख मांग रहे…

वहीं इस मौके मौजूद एक रिटायर्ड सरकारी मुलाजिम ने कहा के 5 साल पहले उसने वह सारा पैसा सुषमा ग्रुप के बिल्डर को दे दिया जो पैसा उसे अपनी रिटायरमेंट के मौके मिला था तथा उससे पहले थोड़ा-थोड़ा बचा कर इकट्ठा किया था। लेकिन अब इस उम्र में उसका आराम करने का समय होता है ना कि एक बिल्डर के पीछे भिखारी बनकर अपने फ्लैट के लिए भीख मांगने का। इस मौके बात करते हुए एक निवेशक ने कहा कि सुषमा क्रीसेंट 2 के 400 से अधिक फ्लैट है। जिसके लिए करीब 400 लोगों ने 50 लाख से लेकर एक करोड रुपए फ्लैट खरीदने के लिए बिल्डर को दे रखे हैं। अब वह अपना करोड़ों रुपया फंसाकर खाली हाथ घूम रहे हैं, क्योंकि अब उनके हाथ में ना तो पैसा है और ना ही उन्हें फ्लैट मिला है। उन्होंने कहा कि अब बिल्डर की नीयत खराब हो गई लगती है, जिसके चलते वह कभी भी लोगों का अरबों रूपया लेकर विदेश भाग सकता है। जिसके चलते उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार को भी दखल देना चाहिए ताकि बिल्डर लोगों के पैसे लेकर कहीं विदेश ना भाग जाए।

2021 में हमें अपने सपनों का घर मिलना था…

इस मौके बात करते हुए एक महिला निवेशक ने कहा कि बिल्डर ने यह प्रोजेक्ट 2019 में शुरू किया था तथा 2021 में हमें अपने सपनों का घर मिलना था। जब के आज 2025 तक हमें कुछ भी नहीं मिला। पिछले साल बिल्डर ने हमें इस बात के बदले हमारी रकम का ब्याज देने की बात कही थी और एक दो बार हमें उस ब्याज के चेक भी दे दिए थे। 6 महीने पहले जो चेक दिया था, इतने बड़े बिल्डर द्वारा दिया गया वह चेक बाउंस हो गया, जिसके चलते अब हम ऐसे बिल्डर पर क्या विश्वास कर सकते हैं।

रेरा नंबर भी अब एक्सपायर हो चुका है….

सुषमा ग्रुप के एक निवेशक ने कहा कि सुषमा ग्रुप का रेरा नंबर भी अब एक्सपायर हो चुका है इस संबंधी हमने रेरा के ऑफिस में भी शिकायत की हुई है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार अगर किसी कंपनी का रेरा नंबर एक्सपायर हो गया हो तो वह अपने प्लाटों अथवा फ्लैट की सेल परचेस भी नहीं कर सकता और ना ही कोई लेनदेन कर सकता है और ना ही वह उसे प्रोजेक्ट में कोई निर्माण कार्य कर सकता है लेकिन सुषमा बिल्डर में नियमों के विपरीत यह सब कुछ चल रहा है उन्होंने कहा कि सुषमा बिल्डर का एक्सप्रेसो अकाउंट भी बंद हो चुका है और वह अपने किसी अन्य खाते में लेनदेन कर रहा है जो के नियमों के विपरीत है। इस रोष प्रदर्शन के दौरान निवेशकों के हाथों में एक बड़ा बैनर पड़ा हुआ था जिस पर लिखा हुआ था कि “बिल्डरों की गलतियों की सजा घर खरीदने वालों को क्यों?”

अगर बात ना बनी तो अदालत में भी जा सकते हैं निवेशक

इस मौके मौजूद सुषमा ग्रुप में निवेश करने वाले लोगों ने कहा कि हमारे में से बहुत से लोग अदालत का रुख कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि हमारा मामला आराम से बैठकर हाल हो जए तो ज्यादा ठीक रहेगा। अगर बिल्डर द्वारा हमारी सुनवाई न की गई तो हमारे पास अभी अदालत में जाने का विकल्प भी मौजूद है। इस मामले संबंधी बात करने के लिए जब सुषमा ग्रुप के बिल्डर भारत मित्तल को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसके बाद उनको व्हाट्सएप पर संदेश भी भेजा गया लेकिन उन्होंने पत्रकार द्वारा भेजे गए इस संदेश का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा।

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