केंद्र की भाजपा सरकार ने देश के अन्नदाता किसान और कृषि दोनों को हाशीये पर धकेला: स्पीकर संधवां

स्पीकर संधवां ने कहा कि अब समय की ज़रूरत है कि किसानों के हक में आवाज़ बुलंद की जाये और उनको उनकी बेटों की तरह पाली गईं फ़सलों का उचित मूल्य मिल सके।

चंडीगढ़: पंजाब विधान सभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा है केंद्र की भाजपा सरकार ने अन्नदाता किसान और कृषि दोनों हाशीए पर धकेल दिए हैं। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि ‘‘एम.एस.पी. की ज़रूरत क्यों है?’’ विषय पर कॉलेजों में करवाए जाएंगे लेख मुकाबले करवाए जाएंगे, जिससे देश और राज्य के नौजवान इस सत्य से वाकिफ हो सकें।

स्पीकर संधवां ने कहा कि अब समय की ज़रूरत है कि किसानों के हक में आवाज़ बुलंद की जाये और उनको उनकी बेटों की तरह पाली गईं फ़सलों का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि बीते समय में और मौजूदा समय में भी अपने अधिकार की माँगों को लेकर किसानों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया। उनहोंने कहा कि लेख मुकाबले करवा कर आज की नयी पीढ़ी को कृषि के प्रति जागरूक करने के लिए एक प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एम.एस.पी. के विषय पर कॉलेजों में लेख मुकाबले करवाए जा रहे हैं और विजेता विद्यार्थियों को क्रमवार 51 हज़ार, 31 हज़ार और 21 हज़ार के नकद इनाम दिए जाएंगे।

स. संधवां ने कहा कि केंद्र को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) को कानून बनाने समेत किसानों की सभी माँगों को बिना किसी देरी से स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है और आज़ादी के बाद सत्ता में रही केंद्र की सरकारों ने ऐसी नीतियाँ बनाईं कि किसान और कृषि दोनों हाशीए पर धकेल दिए गए हैं।

स्पीकर ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने साल 2021 में किसानों की अलग-अलग माँगों को पूरा करने का वायदा किया था और अब तक माँगों पर अमल क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब किसानों को पिछले समय के दौरान स्वीकृत माँगों को अमली जामा पहनाने के लिए दिल्ली जाने से क्यों रोका जा रहा है।

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