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खट्टर सरकार की शिक्षा विरोधी नीति से प्रदेश के 60 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर: डॉ. सुशील गुप्ता

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने सोमवार को खट्टर सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार की शिक्षा विरोधी नीति के कारण प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 60 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्हें फरवरी माह में होने वाली परीक्षाओं से वंचित रखा जा रहा है। सरकार की बेसिरपैर की योजनाएं के चलते निजी स्कूलों के छात्र छात्राएँ मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकारी स्कूल मर्जर के नाम पर बंद किये जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार प्राइवेट स्कूल के बच्चों को भी बोर्ड की परिक्षाएं देने से वंचित रखने की कोशिश कर रही है। परीक्षा के आवेदन के लिए सिर्फ तीन दिन बचे हैं, जबकि अभी तक दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के फॉर्म भी नहीं भरे गए हैं। हरियाणा प्रदेश के अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूल शिक्षा विभाग के बॉन्ड राशि के चक्कर में फंस गए हैं। इससे लगभग 60 हजार बच्चों के अभिभावक व बच्चे असमंजस की स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने सभी कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं को शेड्यूल जारी कर दिया है वहीं दूसरी ओर इन स्कूलों के बच्चे अभी तक परीक्षा फॉर्म तक भी नहीं भर पाए हैं। इस कारण बच्चे और अभिभावक भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग बॉन्ड राशि के नाम पर स्कूलों को ब्लैकमेल कर रहा है। शिक्षा मंत्री पहले परीक्षा देने की हामी भर अब अपनी बात से पलट गये हैं और निजी स्कूलों पर परीक्षा नहीं देने का दबाव बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर खट्टर सरकार की कोई भी नीति नजर नहीं आ रही है। सरकारी स्कूलों की हालत तो पहले से ही खस्ता है। सरकारी स्कूलों ने शिक्षकों के साथ बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है। अब खट्टर सरकार छोटे प्राइवेट स्कूलों को भी बंद करने की कोशिश कर रही है। जहां गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं।

उन्होंने कहा कि हम सरकार की गरीब विरोधी नीति और शिक्षा विरोधी नीति का पुरजोर विरोध करते हैं। एक तरफ तो दिल्ली में गरीब से गरीब व्यक्ति का बच्चा विश्व स्तरीय और मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वहीं गरीब घर के बच्चे बड़े-बड़े एग्जाम लेकर आईआईटी आईआईएम में जा रहे हैं। पंजाब में भी शिक्षा विभाग का कायाकल्प किया जा रहा है। दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने अपना शिक्षा बजट 11% घटा दिया है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने अपना शिक्षा का खर्च 12% बढ़ा दिया है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ हरियाणा सरकार बच्चों को अनपढ़ रखना चाहती है। वहीं आम आदमी पार्टी आपके बच्चों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मांग करती है कि इन सभी बच्चों को जल्द से जल्द एडमिशन कार्ड दिए जाएं और बोर्ड की परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाए। सरकार पोर्टल-पोर्टल का खेल खेलना बंद करें और तुरंत प्रभाव से एक नोटिफिकेशन जारी करके इन सब बच्चों को बोर्ड परीक्षा में बैठने का अवसर दे।

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