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रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान की प्रेरणा युगों-युगों तक महिलाओं में आत्मबल पैदा करती रहेगी : प्रो. चावला

अमृतसर: रानी झांसी सोसायटी की ओर से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस इस्लामाबाद स्थित रानी झांसी भवन में मनाया गया। ब्रिटिश हुकूमत के दांत खंट्टे करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने शौर्य की एक ऐसी गाथा लिखी जो महिलाओं के लिए पथ प्रदर्शक बन गई। मंगलवार को इस महान वीरांगना का बलिदान दिवस मनाया गया। रानी झांसी सोशल सोसायटी की ओर से करवाए गए इस कार्यक्रम में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला व सोसायटी के अध्यक्ष पवन कुंदरा विशेष तौर पर शामिल हुए। प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि रानी झांसी का जीवन हमें प्रेरणा देता है कि एक महिला ने अपना राज्य बचाने के लिए न केवल अंग्रेजों से सीधी टक्कर ली, वहीं अपने प्राणों की आहुति देकर वीरगति प्राप्त की।

प्रो. चावला ने छात्नाओं से आह्वान किया कि वे रानी लक्ष्मीबाई के जीवन से प्रेरणा लें। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी सल्तनत को धूल चटाने के लिए शस्त्र उठाया था। एक नारी के रूप में उन्होंने समाज को ऐसी प्रेरणा दी जो युगों-युगों तक महिलाओं के भीतर आत्मबल पैदा करती रहेगी। रानी लक्ष्मीबाई ने भारत भूमि को अपने रक्त से गौरवान्वित किया। सच्चे अर्थों में वह आदर्श वीरांगना थी। स्वाधीनता की क्रांति का बीज उन्होंने ही प्रस्फुटित किया था। इस अवसर पर सोसायटी के अध्यक्ष पवन कुंदरा, माला चावला, राकेश शर्मा, सरूप कुमार, नीलम शर्मा, जसबीर कौर, परवीन कुंदरा, पीके गोयल, प्रो. ललित, जवाहर वर्मा, अशोक कोछड़, अंजू बाला, मीनू आदि उपस्थित थे।

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