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पंजाब के भू-जल में बढ़ रहे जहरीले रसायन

चंडीगढ़: पंजाब के वाटर सप्लाई तथा सैनीटेशन विभाग को (वर्ल्ड बैंक प्रोजैक्ट के तहत राज्य में भू-जल में रसायनों के बारे में सव्रे करवाया है) पानी में गंभीर किस्म के जहरीले रासायनिक पदार्थ होने का पता चला है। इस सव्रे में पंजाब के प्रसिद्ध विज्ञानी डा. हरदेव सिंह विर्क शामिल थे। डा. हरदेव सिंह विर्क.

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चंडीगढ़: पंजाब के वाटर सप्लाई तथा सैनीटेशन विभाग को (वर्ल्ड बैंक प्रोजैक्ट के तहत राज्य में भू-जल में रसायनों के बारे में सव्रे करवाया है) पानी में गंभीर किस्म के जहरीले रासायनिक पदार्थ होने का पता चला है। इस सव्रे में पंजाब के प्रसिद्ध विज्ञानी डा. हरदेव सिंह विर्क शामिल थे। डा. हरदेव सिंह विर्क ने ‘दैनिक सवेरा’ को बताया कि माझा क्षेत्र में भू-जल की स्थिति बहुत ही खराब है और वहां पानी बहुत ज्यादा प्रदूषित हो चुका है। सरकार को इस बारे में तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पानी के सैंपल पंजाब के सभी इलाकों से लिए गए थे और उसकी जांच मोहाली में एडवांस वाटर टैस्टिंग लैब से करवाई गई थी। डा. विर्क का कहना है कि अमृतसर में भू-जल में बहुत ज्यादा रासायनिक पदार्थ हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य के 50 प्रतिशत रासायनिक पदार्थ वाले गांव अकेले अमृतसर जिले में ही हैं। सरकार को स्थिति की गंभीरता को समझनी चाहिए और तुरंत इस समस्या का हल करने के लिए कदम उठाने चाहिए। होशियारपुर के बहुत से गांवों में क्रोनियम भारी मात्र में पाया गया है, जोकि बहुत खतरनाक रसायन है। उन्होंने कहा कि होशियारपुर के 80 प्रतिशत गांव इस रसायन से पीड़ित हैं। फिरोजपुर में मरकरी की मात्र बहुत ज्यादा पाई गई है और जालंधर में लैड काफी मात्र में पाया गया है। उन्होंने कहा कि मालवा में बहुत से इलाकों में यूरेनियम भूजल में मिला है। इसक लिए उन्होंने ज्यादा मात्र में प्रयोग के अलावा रासायनिक खादों का प्रयोग भी जिम्मेदार बताया है।

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