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Vigilance Bureau ने बिलों को मंजूरी देने के लिए 15,000 रुपये रिश्वत लेते हुए ESI क्लर्क को किया गिरफ्तार

चंडीगढ़: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान बुधवार को ईएसआई डिस्पेंसरी ढंडारी कलां, लुधियाना में तैनात क्लर्क रविंदर सिंह को 15,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। राज्य वीबी के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए कहा कि उपरोक्त आरोपी को लुधियाना जिले के गांव चंकोइयां निवासी राजवंत सिंह, जो गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल में चपरासी के पद पर कार्यरत है, की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।

शिकायतकर्ता ने अपने बयान में दर्ज किया है कि उसने डीएमसी अस्पताल लुधियाना में चिकित्सा उपचार प्राप्त किया था और ईएसआई योजना के तहत मुफ्त चिकित्सा उपचार का लाभार्थी होने के नाते, उसके 4,78,136 रुपये के बिल ईएसआई डिस्पेंसरी में मंजूरी के लिए लंबित हैं। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि संबंधित डीलिंग क्लर्क रविंदर सिंह ने उसके बिलों को मंजूरी देने के बदले में 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की है अन्यथा वह कुल राशि में से केवल 1,25,000 रुपये की राशि के बिल पास करेगा। आरोपी क्लर्क ने शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम दो किश्तों में 20,000 रुपये पहले और बाकी 10,000 रुपये बाद में देने की सलाह दी।

उन्होंने आगे कहा कि रविंदर सिंह क्लर्क ने शिकायतकर्ता से यह भी कहा कि उसे रिश्वत की रकम चंडीगढ़ में संबंधित अधिकारी के साथ भी बांटनी होगी। शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ अपनी बातचीत की रिकॉर्डिंग भी अपने फोन में की और सबूत के तौर पर वीबी को सौंपी। प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद वीबी रेंज लुधियाना ने जाल बिछाया और उक्त आरोपी को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह दो सरकारी गवाहों की उपस्थिति में शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 15,000 रुपये ले रहा था। इस संबंध में पुलिस स्टेशन वीबी रेंज लुधियाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी को कल सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा और जांच के दौरान अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

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