वक्फ बोर्ड की तरफ से 850 घरों को खाली करने का नोटिस, प्रशासक लगाए गए ADGP M.F. Farooqui पहुंचे अमृतसर

अमृतसर की वार्ड नंबर 68 में आज वक्फ बोर्ड की टीम पहुंची जिसमें एडीजीपी फारूकी खास तौर पर इस मामले में इलाका निवासियों से बात करने पहुंचे जहां बीते दिन बोर्ड की तरफ से वार्ड में 850 घरों को आदेश दिया गया था कि यां तो वह अपने घर खाली करें यां फिर उन्हें अपने.

अमृतसर की वार्ड नंबर 68 में आज वक्फ बोर्ड की टीम पहुंची जिसमें एडीजीपी फारूकी खास तौर पर इस मामले में इलाका निवासियों से बात करने पहुंचे जहां बीते दिन बोर्ड की तरफ से वार्ड में 850 घरों को आदेश दिया गया था कि यां तो वह अपने घर खाली करें यां फिर उन्हें अपने ही घर का किराया देने का जिसके बाद इलाका निवासियों में भारी रोष देखने को मिला। उन्होंने सड़क जाम कर रोष प्रदर्शन भी किया। जिसके बाद वकफ बोर्ड की टीम ने मीटिंग करने की बात कही जिसके बाद इलाके के पार्षद ने और प्रधानों ने मिलकर वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के साथ मीटिंग की जहां उन्होंने कहा कि यह जगह वक्फ बोर्ड की है चाहे वह पिछले कई सालों से रह रहे हो उनको या तो इन घरों को खाली करना होगा या तो इन घरों का प्रति गज के हिसाब से किराया देना होगा वहीं उन्होंने कहा कि लोगों के साथ कोई भी अन्याय नहीं होगा उनको किसी तरह की भी परेशानी का सामना नहीं आने दिया जाएगा।

लेकिन यह जगह वक्फ बोर्ड की है इसलिए वर्कर बोर्ड की जगह पर कोई अपना कब्जा नहीं कर सकता ना ही उस पर रह सकता है अगर यह लोग रह रहे हैं तो इनको कानून के हिसाब से ही प्रक्रिया को फॉलो करना होगा जिसके बाद इलाके के लोगों ने कहा कि वह पिछले कई सालों से इन घरों में रह रहे हैं किसी ने अपने घर के ऊपर 10 लाख रूपए लगाए है। तो किसी ने 30 से 40 लाख भी लगाकर घर बनाए हैं लेकिन आज उनको अपने ही घर के पैसे देने होंगे यह किस तरह का न्याय है उन्होंने कहा कि उनके पास इसके अलावा कोई और जायदाद और घर नहीं है जहां जाकर रहन बसेरा कर सके और अगर उनको अपने ही घर का हर महीने किराया देना होगा तो वह उनका घर कैसे हुआ। जिसके बाद करीब वाकफ बोर्ड के अधिकारियों ने 2 घंटे इलाके के नुमाइंदों के साथ मीटिंग की और इस मौके मुस्लिम वर्ग के वर्कर बोर्ड के कई सदस्य वहां पहुंचे थे लोगों को महीने का किराया लेने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन लोगों के बीच और वर्कर बोर्ड के अधिकारियों के बीच सहमति नहीं बन सकी जिसके बाद फारुकी वापिस चले गए लेकिन लोगों का कहना है कि सरकार उनके साथ न्याय करे।

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