चंडीगढ़ : केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शुक्रवार कहा कि बंदी सिखों की रिहाई का विरोध नहीं करेंगे। रवनीत बिट्टू ने अपने बयान में कहा कि इस बारे में उन्होंने अपने परिवार से भी बात की है वह भी इसका विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के पास बंदी सिखों की रिहाई के लिए कोई योजना है तो मैं उस फैसले का विरोध नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि अब आगे बढ़ने का समय है।
गौरतलब है कि रवनीत बिट्टू अब तक बंदी सिखों की रिहाई का विरोध करते रहे हैं। गौरतलब है कि पंजाब में 1980 से 1990 के दशक में उग्रवाद का दौर था। खालिस्तानी, अलग पंजाब देश की मांग करते और भारत सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह छेड़ते थे। बंदी सिख या बंदी कैदी हैं, जो उग्रवाद में शामिल रहे हैं और उन्हें सजा मिली है। समय -समय पर उनकी रिहाई की मांग उठती आ रही है कि वह अतीत था और इन्होंने अपनी सजा भी काट ली है।