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नक्काशीदार मूर्तियां बनेंगी महाकुम्भ का आकर्षण

नक्काशीदार मूर्तियां

नक्काशीदार मूर्तियां

प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में पौराणिक महत्व की नक्काशीदार मूर्तियां महाकुम्भ में आने वाले देशी विदेशी श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनेंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रयागराज के 26 प्रमुख चौराहों पर इन प्रतिमाओं के स्थापित करने का काम जोर-जोर से चल रहा है। इनमें अजरुन, गरुड़, नंदी, गदा के अलावा मां गंगा सहित तमाम ऐसी मूर्तियां है जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगी।
उपजिलाधिकारी मेला, अभिनव पाठक ने बताया कि इस योजना के तहत योगी सरकार के निर्देश पर 26 चौराहों को विशेष रूप से आकर्षक आकार दिया जा रहा है। इनमें छह चौराहों पर काम पूरा किया जा चुका है। साथ ही एक सप्ताह के भीतर बाकी 20 चौराहों का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

26 नक्काशीदार मूर्तियों से सजाने संवारने का चल रहा है काम
महाकुम्भ में प्रयागराज के विशेष 26 चौराहों को 26 नक्काशीदार मूर्तियों से सजाने संवारने का काम चल रहा है। इसके तहत डीपीएस चौराहे पर अजरुन की मूर्ति, एयरपोर्ट चौराहे पर नंदी की प्रतिमा और हर्षवर्धन चौराहे पर आरती करती हुई मां गंगा नाव में सवार दिखेंगी। इसके अलावा फाफामऊ में गदा का प्रदर्शन किया गया है। समुद्र मंथन का घोड़ा भी महाकुम्भ का विशेष आकर्षण बनने जा रहा है। भारत के महान सम्राट समुद्रगुप्त की प्रतिमा विशेष रूप से श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी। इसके अलावा नैनी चौकी चौराहे पर श्रवण कुमार के साथ ही मेजर ध्यान चंद, ऐरावत की प्रतिमा भी संवारी जा रही है। वहीं, अलोपी बाग में मुनि स्नान देखकर देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु दंग रह जाएंगे।

वैज्ञानिक ढंग से किया जा रहा है ट्रैफिक मैनेजमेंट का अध्ययन
महाकुम्भ को लेकर करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की उम्मीद की जा रही है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए, इसके लिए बाकायदा वैज्ञानिक ढंग से ट्रैफिक मैनेजमेंट का अध्ययन किया जा रहा है। ज्यादातर चौराहों पर इससे संबंधित कार्य अपने अंतिम चरण में हैं।
महाकुम्भ की तैयारी को लेकर तीर्थराज प्रयाग के ब्यूटीफिकेशन का काम अपनी पूरी रफ्तार में चल रहा है। यहां सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विविधता दिखाने के लिए पूरा इंतजाम किया जा रहा है। चौराहों पर जो भी डिजाइन तैयार किया जा रहे हैं, उनमें हॉर्टिकल्चर एनवायरमेंट की सजकता के प्रति ग्रीन बेल्ट भी डेवलप किए जा रहे हैं।

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