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दंगे के आरोपी के परिजन ने कहा- नागपुर नगर निगम ने ‘बदले की कार्रवाई’ की, वैध मकान का हिस्सा गिराया

Nagpur Violence

Nagpur Violence

Nagpur Violence : नागपुर में 17 मार्च को हुई सांप्रदायिक हिंसा के आरोपी यूसुफ शेख के भाई ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने सभी वैध दस्तावेज और निर्माण की स्वीकृति होने के बावजूद उनके घर के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया। अयाज़ शेख ने दावा किया कि उनके भाई यूसुफ शेख का मकान कानूनी रूप से बना हुआ है, लेकिन नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने सोमवार को उसकी बालकनी को अवैध बताकर ढहा दिया।

अयाज़ ने इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया। बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने यूसुफ शेख और सांप्रदायिक हिंसा के कथित मास्टरमाइंड फहीम खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तोड़फोड़ पर रोक लगा दी। अधिकारियों ने दावा किया कि फहीम खान का दो मंजिला घर अवैध तरीके से बना था इसलिए उसे पूरी तरह गिरा दिया गया।

वहीं, यूसुफ शेख के महल गेट क्षेत्र स्थित मकान उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप और बुलडोजर से गिराए जाने पर उसकी रोक के बाद बच गया। इस रोक के बाद अयाज़ शेख ने आरोप लगाया कि नागपुर नगर निगम ने ‘बदले की कार्रवाई’ की। तोड़फोड़ रुकने के बाद अयाज़ शेख ने मीडिया से कहा, हमारा दंगों से कोई संबंध नहीं है।

यह संपत्ति मेरे पिता की थी और 1970 के दशक से इसका मालिक मैं हूं। हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और हमारे इलाके में हिंदू-मुसलमान साथ रहते हैं। अयाज़ शेख ने बताया कि नगर निगम ने घर के अवैध हिस्से को तोड़ने के संबंध में शनिवार को एक नोटिस जारी किया था जिसे घर की दीवार पर चिपका दिया गया था।

दस्तावेज लेने से कर दिया इनकार

मैंने नगर निगम के कर्मचारियों को संपत्ति के दस्तावेज और भवन निर्माण के लिए स्वीकृति पत्र दिखाए। उन्होंने हमें कहा कि ये दस्तावेज सिविल लाइंस स्थित एनएमसी कार्यालय में सत्यापन के लिए जमा करें। जब हम वहां पहुंचे, तो उन्होंने हमारे दस्तावेज लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया, इसके बावजूद, हमने दस्तावेज डाक के माध्यम से एनएमसी को भेज दिए।

हम सोमवार को फिर से एनएमसी कार्यालय पहुंचे, लेकिन तब तक वे तोड़फोड़ का आदेश जारी कर चुके थे। अयाज़ शेख ने दावा किया कि जब एनएमसी को पता चला कि उनके परिवार ने उच्च न्यायालय का रुख किया है और कार्रवाई पर रोक की मांग की है तो निगम ने तोड़फोड़ की प्रक्रिया तेज कर दी और मकान का एक हिस्सा ढहा दिया।

अयाज़ शेख ने कहा, उच्च न्यायालय ने इस पर एनएमसी को फटकार लगाते हुए तोड़फोड़ पर रोक लगा दी लेकिन हमारी आíथक और सामाजिक छवि को बहुत नुकसान हुआ है। नागपुर में हिंसा तब भड़की थी जब यह अफवाह फैल गई कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा आयोजित प्रदर्शन के दौरान आयत लिखी हुई चादर जला दी गई।

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