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Noida : परिवार को बंधक बनाकर लूटने से पहले बदमाशों ने की थी रेकी, शौक के लिए करते थे चोरी-लूटपाट

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Noida : उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर-30 के बी-ब्लॉक में सात दिन पहले परिवार को बंधक को बनाकर 3.50 लाख रुपये की लूट को अंजाम देने वाले बदमाशों ने बताया कि वे शौक पूरे करने के लिए पहले चोरी और लूटपाट के छोटे-मोटे वारदात करते थे और इस बार उनकी मंशा बड़ा हाथ मारने की थी। पुलिस ने रविवार को लूट के मामले का खुलासा करते हुए बताया कि करीब एक हजार सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद बदमाशों की पहचान की जा सकी। उन्हें पकड़ने के लिए आठ टीमों को लगाया गया था। टीम को सूचना मिली थी कि चारों बदमाश स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और स्कूटी से डीएनडी की तरफ से सेक्टर 18 नोएडा की ओर आने वाले हैं। पुलिस डीएलएफ तिराहे पर चेक पोस्ट लगा दिया। पुलिस की चेकिंग देखकर बदमाश डीएलएफ नाले की तरफ अंधेरे की ओर भागने लगे। पुलिस टीम ने उनका पीछा किया। खुद को घिरता देश बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में चारों बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। उनकी पहचान अनस पुत्र अयाज, शाहनवाज पुत्र सरफुद्दीन, समीर पुत्र सलीम और एजाज आलम पुत्र मोहम्मद जमील के रूप में हुई है।

2.50 लाख नकद और आधार कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि बरामद
पुलिस ने बताया कि उनके कब्जे से दो लाख पांच हजार रुपये नकद और आधार कार्ड, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड आदि बरामद हुआ है। घटना में प्रयुक्त एक चोरी की मोटरसाइकिल स्प्लेंडर, स्कूटी जुपिटर और चार तमंचे, छह खोखा और पांच जिंदा कारतूस बरामद हुआ है। उनकी निशानदेही पर जोमैटो ई रिक्शा भी बरामद हो गया है। घायल बदमाशों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायल बदमाशों ने बताया कि चारों दोस्त हैं। वे अपने शौक को पूरा करने के लिए चोरी और लूट जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे। उन्होंने पहले भी नोएडा और आसपास के इलाकों में मोबाइल, लैपटॉप और ई-रिक्शा चुराए हैं। उनकी मंशा बड़ी घटना करने की थी, इसलिए उन्होंने लूटपाट की योजना बनाई। पहले उन्होंने सेक्टर-15 नया बांस से जोमेटो ई-रिक्शा चोरी किया। उसी ई-रिक्शे और एक स्कूटी से डीपीएस स्कूल के पास पहुंचे। वहां समीर बाहर खड़ा रहा जबकि अनस, एजाज और शाहनवाज ने सेक्टर-30 के घर की रेकी की इसके बाद 23 दिसंबर को घटना को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि लूट के कुछ पैसे उन्होंने अपने परिजनों को खर्च करने के लिए दिए।

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