Monday, December 11, 2023
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खेल एशियाड तीरंदाजी चौथी लीड भारत वर्मा और देवताले फाइनल में, रिकर्व तीरंदाजों ने किया निराश

हांगझोउ: मौजूदा विश्व चैम्पियन ओजस देवताले परफेक्ट 150 स्कोर करके एशियाई खेलों में पुरूषों की व्यक्तिगत कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा के फाइनल में पहुंच गए जहां उनका सामना हमवतन अभिषेक वर्मा से होगा जिससे भारत का स्वर्ण और रजत पदक पक्का हो गया ।
वहीं ज्योति सुरेखा वेन्नम ने अपने सारे अनुभव का इस्तेमाल करके हमवतन अदिति स्वामी को हराकर महिला कंपाउंड व्यक्तिगत फाइनल में प्रवेश कर लिया।
भारत के तीरंदाजी में तीन पदक पक्के हो गए हैं। भारतीय तीरंदाज छह टीम स्पर्धाओं में भी पदक की दौड़ में बने हुए हैं जिसमें तीन रिकर्व और इतनी की कंपाउंड स्पर्धाएं हैं। भारत की इन टीम ने सोमवार को क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।
भारत ने इस तरह इंचियोन में 2014 एशियाई खेलों में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी कर ली जब देश ने तीरंदाजी में एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक सहित तीन पदक जीते थे।
सीनियर विश्व चैंपियन 17 साल की अदिति स्वामी महिला कंपाउंड व्यक्तिगत सेमीफाइनल में अपनी आदर्श ज्योति के खिलाफ शिकस्त के बाद कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करेंगी। उन्हें कांस्य पदक के मुकाबले में इंडोनेशिया की रतिह जिलिजाती फादहली का सामना करना है।
अनुभवी अतनु दास और धीरज बोम्मादेवरा हालांकि पुरूषों के रिकर्व व्यक्तिगत क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए । रिकर्व वर्ग में पुरानी कहानी दोहराई गई और कोई भी भारतीय तीरंदाज व्यक्तिगत ओलंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाया।
र्बिलन में दो महीने पहले सीनियर विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीतने वाले देवताले ने दक्षिण कोरिया के सातवीं वरीयता प्राप्त यांग जाएवोन को 150-146 से हराया । उन्होंने 15 तीर पर परफेक्ट 150 स्कोर किया । वहीं वर्मा ने दक्षिण कोरिया के शीर्ष वरीयता प्राप्त जू जाएहून को 147-145 से मात दी ।
महिला वर्ग में चार दौर के बाद एक अंक से आगे चल रही सीनियर विश्व चैम्पियन 17 वर्ष की अदिति की लय टूटी और ज्योति ने 149-146 से जीत दर्ज की । ज्योति को अपना आदर्श मानने वाली अदिति ने अगस्त में र्बिलन में सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में उसे 149-145 से हराया था ।
ज्योति ने एशियाई खेलों में कभी स्वर्ण पदक नहीं जीता है। उन्होंने हालांकि टीम स्पर्धाओं में 2018 में रजत और 2014 में कांस्य पदक जीता। पहले छह तीर पर दोनों ने 60 – 60 स्कोर किया लेकिन तीसरे दौर में ज्योति की लय टूटी । अदिति दस का स्कोर बनाती रही लेकिन आखिरी दौर में चूकने का उसे खामियाजा भुगतना पड़ा ।
अब वह कांस्य पदक के लिये खेलेगी जबकि तीसरी बार एशियाई खेलों में उतरी ज्योति की नजरें पहले स्वर्ण पर लगी होंगी । ज्योति ने 2018 में रजत और 2014 में कांस्य पदक जीता था ।
इससे पहले चौथी वरीयता प्राप्त अदिति ने 15 तीरों में से सिर्फ एक अंक गंवाकर फिलीपींस की अमाया अम्पारो कोजुआंको को 149-146 से हराया ।  वहीं विश्व कप पदक विजेता ज्योति ने नौवीं वरीयता प्राप्त कजाखस्तान की एडेल जेशेन्बिनोवा को 147-144 से मात दी ।
पुरूष वर्ग के क्वार्टर फाइनल में 2014 के रजत पदक विजेता वर्मा ने कजाखस्तान के आंद्रे टी को हराया । स्कोर 147-147 से बराबर रहने के बाद इनर 10 अधिक लगाने के कारण वर्मा को विजयी घोषित किया गया । वहीं देवताले ने 150 में से 150 स्कोर करके कजाखस्तान के अकबरअली कारबायेव को हराया ।
रिकर्व क्वार्टर फाइनल में दास को चीन के कि शियांगशुओ के खिलाफ 5-6 (23-29, 29-29, 30-28, 29-27, 28-29) (10-10एक्स (अंदरूनी हिस्से के अधिक करीब)) से हार का सामना करना पड़ा। वहीं धीरज को कजाखस्तान के अब्दुलिन इलफत के खिलाफ 5-6 (30-29, 19-29,28-27, 16-15, 28-28) (9-10) से शिकस्त झेलनी पड़ी।
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