प्रग्नानंद, विदित और वैशाली की दो करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता करेगा AICF

नई दिल्ली : अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) भारतीय शतरंज को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा शुरू कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में, भारतीय शतरंज के परिदृश्य में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है, जो सभी मोर्चों पर सफलता के प्रतीक से स्पष्ट है। ओवर-द-बोर्ड खेल से लेकर टूर्नामेंटों.

नई दिल्ली : अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) भारतीय शतरंज को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा शुरू कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में, भारतीय शतरंज के परिदृश्य में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है, जो सभी मोर्चों पर सफलता के प्रतीक से स्पष्ट है। ओवर-द-बोर्ड खेल से लेकर टूर्नामेंटों के निर्बाध संगठन तक यह दिखता है। हाल ही में चेन्नई में शतरंज ओलिंपियाड की सफल मेजबानी ने इतिहास रच दिया, जिससे वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति और सुदृढ हो गई। कई भारतीय खिलाड़ी, महान विश्वनाथन आनंद की विरासत से प्रेरित होकर उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय शतरंज में देश की बढ़ती प्रमुखता में योगदान दे रहे हैं।

भारतीय शतरंज में एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ते हुए महासंघ ने एक रणनीतिक कदम उठाया है। ग्रैंडमास्टर आर प्रग्नानंद, ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती और अंतरराष्ट्रीय मास्टर वैशाली के लिए महासंघ ने दो करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का वादा किया है। वे आगामी शतरंज प्रतियोगिताओं की तैयारी कर रहे हैं।

एआईसीएफ अध्यक्ष संजय कपूर ने कहा, “हम शतरंज की दुनिया में इतिहास बनाने के लिए प्रग्नानंद, विदित और वैशाली की अपार क्षमता को पहचानते हैं। हमारी वित्तीय सहायता इन असाधारण खिलाड़ियों को सशक्त बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक कदम है ताकि जीत प्राप्त करने और शतरंज के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराने के लिए उनके पास आवश्यक समर्थन हो।”

प्रशिक्षण शिविर, कोचिंग शुल्क, यात्रा व्यय और आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने वाली वित्तीय सहायता का उद्देश्य खिलाड़ियों को अपने खेल पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करना है। यह कदम उनकी हाल की सफलताओं को देखते हुए उठाया गया है। इसमें विश्व कप में प्रग्नानंद का उपविजेता रहना और विश्व ग्रैंड स्विस टर्नामेंट में मिली दोहरी जीत शामिल है, जहां विदित और वैशाली ने क्रमशः ओपन और महिला दोनों खिताब जीते थे।

इस पहल को लेकर फिडे सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष भरत चौहान ने कहा, “शतरंज प्रतिभाओं को समर्थन और पोषण देने के लिए एआईसीएफ की प्रतिबद्धता सराहनीय है। यह साहसिक पहल निसंदेह वैश्विक मंच पर भारतीय शतरंज की वृद्धि और विकास में योगदान देगी। भारतीय शतरंज परिदृश्य में यह सुधार न केवल उनकी ओवर-द-बोर्ड सफलता में बल्कि टूर्नामेंटों के प्रभावी संगठन में भी स्पष्ट है, जिसने भारत को अंतरराष्ट्रीय शतरंज समुदाय में सबसे आगे रखा है।”
भविष्य को देखते हुए, एआईसीएफ ने अगले दो महीनों में पांच अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर शतरंज टूर्नामेंट की मेजबानी की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य भारत में शतरंज के समग्र विकास में योगदान करते हुए अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय खिताब अर्जित करने के अवसर प्रदान करना है।

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