Asian Women Hockey Champions Trophy : बिहार के राजगीर में 11 नवंबर से 20 नवंबर तक एशियाई महिला हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है। इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत सहित छह एशियाई देशों की टीमें अपना दमखम दिखाएंगी। टूर्नामेंट का पहला मुकाबला भारत और मलेशिया के बीच खेला जाएगा।
इस मैच से पहले भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह और कप्तान सलीमा टेटे ने पत्रकारों से बातचीत की। भारतीय महिला हॉकी टीम इस प्रतियोगिता में एक निराशाजनक वर्ष के बाद प्रवेश कर रही है, जब वह पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफल रही थी। ऐसे में वह साल का अंत यादगार तरीके से करना चाहेगी।
सलीमा टेटे के नेतृत्व में युवा प्रतिभाओं के साथ अनुभवी खिलाड़ियों को मिलाकर एक मिश्रित टीम उतारी है। हालांकि, यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि भारत को पांच अन्य देशों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जिसमें मौजूदा ओलंपिक रजत पदक विजेता चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड शामिल हैं।
टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने बिहार सरकार द्वारा हॉकी के लिए विश्वस्तरीय स्टेडियम के निर्माण की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार, हॉकी इंडिया और पूरी टीम इंडिया का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने इस भव्य आयोजन को संभव बनाया। हमारी टीम पूरी तरह से तैयार है और हर मैच के लिए रणनीति बनाई जा चुकी है।
खिलाड़ियों के साथ मैच की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है और हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे ने कहा, ‘टूर्नामेंट में हमारा पहला मुकाबला मलेशिया के साथ है। वह एक मजबूत टीम है और फिलहाल हम रिजल्ट की टेंशन नहीं ले रहे हैं।
हमारा ध्यान एक समय पर एक मैच पर होगा और हमार पूरा फोकस मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करने पर है। टीम में कई नए और युवा खिलाड़ी शामिल हैं और हमारी उनसे यही सलाह है कि हम स्ट्रेस लेकर न खेलें और अपने गेम का लुत्फ उठाएं। आगामी विश्व कप की तैयारियों को पुख्ता करने को लेकर यह टूर्नामेंट शानदार मंच है।
युवा खिलाड़ियों को मैदान पर खुलकर खेलने की आजादी दी गई है ताकि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। भारतीय कप्तान ने कहा कि टीम का लक्ष्य इस टूर्नामेंट में जीत हासिल करना है और वे इसके लिए पूरी कोशिश करेंगी। उन्होंने राजगीर की खूबसूरती की भी तारीफ की। हालांकि, व्यस्त कार्यक्रम के चलते उन्हें अभी तक घूमने और इन नजारों का लुत्फ उठाने का मौका नहीं मिला है।