नई दिल्ली: उन्हें तकनीकी कमी को लेकर बनी धारणाओं से लड़ना पड़ा, टाइपकास्ट किया गया और विश्व कप नायक बनने के कुछ महीनों के भीतर ही उनका अनुबंध रद्द कर दिया गया लेकिन श्रेयस अय्यर इन सबके बावजूद अडिग रहे और अपनी ईमानदारी और सुलझे हुए दिमाग पर भरोसा करके आगे बढ़े। शॉर्ट गेंद के खिलाफ उनकी कमजोरी को लेकर पूछे जाने पर श्रेयस ने कहा,‘शायद ऐसी धारणा बनाई गई थी या मुझे टाइपकास्ट किया गया, लेकिन मुझे हमेशा से अपनी ताकत, क्षमता पता थी और खुद पर भरोसा था।’ पिछले 8 वनडे में उन्होंने चौथे नंबर पर 53 की औसत से रन बनाए हैं।
उन्होंने कहा,‘खेल बदलता रहता है लिहाजा खिलाड़ी को लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करना होता है। मुझे खुशी है कि मैं सकारात्मक सोच के साथ खेल सका और अपनी प्रक्रिया पर भरोसा रखा।’ श्रेयस की कप्तानी में केकेआर ने आईपीएल जीता और फिर उन्होंने भारतीय वनडे टीम में वापसी की। इस आईपीएल सत्र से पंजाब किंग्स की कप्तानी करने जा रहे श्रेयस ने कहा,‘मैंने अपनी प्रक्रिया सरल रखी। ज्यादा सोचा नहीं और ईमानदारी से काम करता रहा। मुझे भरोसा था कि मेरी ईमानदारी और प्रदर्शन फिर मुझे मौका दिलाएगा।’ उन्होंने कहा,‘इस दौर ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। मैंने अपने कौशल पर और मेहनत की। कोच प्रवीण आम्रे सर से लेकर ट्रेनर सागर तक सभी ने मेहनत की। इन दोनों ने मुझे वह ताकत पैदा करने में मदद की जो अब मेरी बल्लेबाजी में दिखती है।’