इस अविस्मरणीय शूटआउट में दोनों टीमों के 10-10 खिलाड़यिों ने प्रयास किया। कई गोलों, बचावों और वीएआर रिव्यू लिये जाने के बाद फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया 6-6 की बराबरी पर थे। फ्रांस की 10वीं पेनल्टी लेते हुए विकी बेको गोल नहीं कर सकीं, जबकि ऑस्ट्रेलिया की ओर से कोर्टनी वाइन ने निर्णायक गोल जमाकर मेज़बान टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। ऑस्ट्रेलिया के कोच टोनी गुस्तावसन ने इस जीत के बाद कहा, ‘मुझे गर्व है। इस टीम ने जो बहादुरी दिखाई वह अविश्वसनीय है।
दर्शकों को मैं सिर्फ शुक्रिया कह सकता हूं। इस टीम का समर्थन करने और उन पर विश्वास करने के लिये शुक्रिया। यह टीम इस देश के हर एक व्यक्ति की है।’’ दूसरी ओर, फ्रांस के कोच हर्वे रेनार्ड ने कहा, ‘आपको आज लड़कियों पर गर्व करना होगा। उन्होंने एक असाधारण मैच खेला। यह मैच एक छोर से दूसरे छोर तक गया।
यह कहना मुश्किल है कि कौन जीत का अधिक हकदार था। ऑस्ट्रेलिया को बधाई। हमारे सभी स्टाफ को बधाई, जिन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। हमें अपना सिर ऊपर रखना होगा और ओलंपिक खेलों के बारे में सोचना होगा। यह फुटबॉल है, यह नियति है जिसने विजेता चुना है। ऑस्ट्रेलिया को शुभकामनाएं।’