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मुझे कप्तान और कोच ने खुलकर खेलने की आज़ादी दी : Abhishek Sharma

Abhishek Sharma : भारत के टी20 सलामी बल्लेबाज़ अभिषेक शर्मा के लिए पिछले एक-दो साल बहुत शानदार रहे हैं और उन्होंने आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भारत की टी20 टीम में अपनी जगह पक्की की है। कोलकाता में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले टी20 मैच में भी उन्होंने 34 गेंदों में 79 रनों की पारी खेली, जिसमें पांच चौके और आठ गगनचुंबी छक्के शामिल थे।

हालांकि इस दौरान अपने 12 में से आठ टी20 पारियों में वह 20 से कम के स्कोर पर आउट हुए हैं। भारत के पास सलामी बल्लेबाज़ों के कई विकल्प भी है, लेकिन 24-वर्षीय अभिषेक पर जगह खोने का लगातार दबाव भी रहता होगा।

हालांकि अभिषेक ने इससे इनकार किया है। उन्होंने बताया कि उनके कोच और कप्तान ने कहा है कि वह कभी भी अपने खेल की शैली को नहीं बदले, जिससे उन्हें खुलकर फ़ीयरलेस क्रिकेट खेलने की आज़ादी मिली है।

अभिषेक ने मैच के बाद हुए प्रेस कॉन्फ्ऱेंस में कहा, ‘मैं हमेशा से एक टीम प्लेयर हूं और यह भी जानता हूं कि भारत में हमेशा टीम चयन की प्रतिस्पर्धा रहती है। लेकिन जब मेरे कोच और कप्तान ने मुझसे हमेशा अपना इंटेंट बनाए रखने को कहा, वह मेरे लिए एक बड़ा पल था। एक बल्लेबाज़ के रूप में जब आप तीन-चार पारियों में रन नहीं बना पाते हैं तो आपके दिमाग़ में ये बातें चलती हैं।‘

‘लेकिन जब मैं रन नहीं बना रहा था तब भी कप्तान और कोच ने मेरा समर्थन किया और लगातार कहते रहे कि हमें पता है कि आप हमारे लिए मैच जीतने जा रहे हैं। आप बस जाइए और अपने आपको एक्सप्रेस करिए। जब कोच और कप्तान ऐसा कहते हैं तो आपको आत्मविश्वास मिलता है और आप अपने आपको बैक करते हो।‘

अभिषेक ने अपनी उस सफलता का श्रेय युवराज सिंह और ब्रायन लारा को भी दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे पहले युवी पाजी (युवराज सिंह) और फिर एसआरएच में ब्रायन लारा मिले। डैनियल वेटोरी (एसआरएच के प्रमुख कोच) भी बहुत सिंपल हैं और वह भी मुझे ख़ुद को आज़ादी से व्यक्त करने का अवसर देते हैं। गौती भाई भी लगभग ऐसा ही करते हैं।‘

अभिषेक ने अपनी इस पारी का श्रेय भारत के नवनियुक्त कोच सितांशु कोटक को भी दिया। उन्होंने बताया, ‘इस सीरीज़ से पहले मैं कुछ ऐसे गेंदबाज़ों का सामना करना चाहता था, जो मुझे मैच में भी मिले। कोटक सर और अभिषेक नायर भाई ने मेरी इसमें मदद की। उन्होंने नेट्स में मुझे कुछ वैसे ही गेंदबाज़ दिए। शॉट सेलेक्शन की बात करें तो मेरा एक ही मंत्र है- गेंद देखो और रिऐक्ट करो।‘

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