नई दिल्लीः पाकिस्तान टीम के पूर्व निदेशक मिकी आर्थर ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की खराब स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। पाकिस्तान में क्रिकेट सत्ता के गलियारों में पूरी तरह से नए कोचिंग स्टाफ के साथ-साथ नए कप्तानों का बदलाव देखा गया था। 2023 वनडे विश्व कप के बाद मिकी आर्थर और ग्रांट ब्रैडबर्न के बाहर होने के बाद मोहम्मद हफीज ने टीम निदेशक के रूप में टीम की कमान संभाली। आर्थर ने एक सुरक्षित टीम वातावरण को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। यह देखते हुए कि उन स्थितियों में जहां असुरक्षा की समग्र भावना होती है, खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देना शुरू कर देते हैं।
आर्थर ने बताया, कि ‘जब वहां सुरक्षा का माहौल होता है, तो पाकिस्तान बहुत अच्छा होता है। जब वहां असुरक्षा होती है, तो खिलाड़ी टीम के बजाय अपने लिए खेलना शुरू कर देते हैं क्योंकि वे अगले दौरे और अगले अनुबंध के बारे में सोच रहे होते हैं। ‘वहां भारी मात्र में प्रतिभा है। वहां कुछ विश्व स्तरीय खिलाड़ी भी हैं, सिर्फ प्रतिभाशाली खिलाड़ी ही नहीं। उन्हें वह समर्थन ढांचा नहीं दिया गया है जिसकी उन्हें आगे बढ़ने के लिए जरूरत है।‘
‘टीम के एक अनुभवी खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने आर्थर की बातों को दोहराया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में हार के लिए फोकस की कमी को जिम्मेदार ठहराया।‘ मिकी आर्थर और पाकिस्तान क्रिकेट के बीच सहयोग के अपने सुनहरे पल थे, जिसमें 2017 चैंपियंस ट्रॉफी की सफलता शामिल है। कोच ने टीम को टेस्ट और टी20 रैंकिंग में महत्वपूर्ण सफलता दिलाई थी, लेकिन साझेदारी का अंत खटास के साथ हुआ।
अपने रिश्ते के कड़वे अंत के बावजूद ऑर्थर ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान क्रिकेट के प्रति उनका जुनून कम हो रहा है। मैं अभी भी पाकिस्तान क्रिकेट को फॉलो करता हूं और हमेशा करता रहूंगा। लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट के लिए मेरे अंदर जो जोश, प्यास और जुनून था वह अब थोड़ा कम हो गया। ईमानदारी से कहूं तो, मुझे लगता है कि पाकिस्तान क्रिकेट बहुत निराशाजनक स्थिति में है।