एलेना नॉर्मन ने हॉकी इंडिया के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले तकरीबन 13 सालों से एलेना नॉर्मन हॉकी इंडिया के सीईओ पद पर थीं। लेकिन अब उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला किया है। एलेना नॉर्मन के कार्यकाल में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ। इस दौरान भारतीय हॉक टीम ने सर्वश्रेष्ठ विश्व रैंकिंग हासिल की। साथ ही टोक्यो ओलंपिक खेलों में अपना जलवा दिखाया। टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय पुरूष टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद ब्रॉन्ज मेडल जीता। वहीं, भारतीय वीमेंस टीम चौथे स्थान पर रही।
सूत्रों के हवाले से दावा किया कि नॉर्मन बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से परेशान थीं और वे काम के माहौल से भी नाखुश थीं। रिजाइन करने के बाद नॉर्मन ने हॉकी इंडिया में गुटबाजी का खुलासा किया। उन्होंने कहा- ‘लंबे समय से उनका वेतन रोका गया था और महासंघ में आपसी गुटबाजी के कारण काम करना मुश्किल हो गया था।’ उन्होंने कहा ‘हॉकी इंडिया में दो गुट हैं। एक तरफ मैं और (अध्यक्ष) दिलीप टिर्की हैं जबकि दूसरी तरफ (सचिव) भोलानाथ सिंह, (कार्यकारी निदेशक) कमांडर आर के श्रीवास्तव और (कोषाध्यक्ष) शेखर जे मनोहरन हैं।’
एलेना नॉर्मन का कार्यकाल
एलेना नॉर्मन की अगुवाई में भारतीय हॉकी फेडरेशन ने 2018 और 2023 में पुरुष हॉकी विश्व कप के लगातार दो संस्करणों की मेजबानी की। इसके अलावा 2016 और 2021 में दो जूनियर पुरुष विश्व कप की मेजबानी की। हॉकी इंडिया लीग के पांच संस्करणों की भी सफलतापूर्वक मेजबानी की। एलेना नॉर्मन के कार्यकाल में हॉकी इंडिया ने एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी, 2015 और 2017 में एफआईएच वर्ल्ड लीग फाइनल, 2019 और 2024 में एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर के साथ-साथ एफआईएच हॉकी प्रो लीग घरेलू खेलों सहित कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट्स की मेजबानी की।