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पूर्व महिला हॉकी कप्तान Rani Rampal ने लिया संन्यास

नई दिल्ली : गरीबी और रूढ़िवादी समाज की वजर्नाओं को तोड़ते हुए उदीयमान खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्नेत बनी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने 16 साल के सुनहरे करियर पर विराम लगाते हुए खेल को अलविदा कह दिया। रानी के पिता ठेला खींचने का काम करते थे और वह अपने करियर.

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नई दिल्ली : गरीबी और रूढ़िवादी समाज की वजर्नाओं को तोड़ते हुए उदीयमान खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्नेत बनी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने 16 साल के सुनहरे करियर पर विराम लगाते हुए खेल को अलविदा कह दिया। रानी के पिता ठेला खींचने का काम करते थे और वह अपने करियर के दौरान हरियाणा के एक छोटे से शहर शाहबाज मारकंडा से निकलकर लोगों के लिए प्रेरणा बनी। रानी की अगुआई में भारत ने 2021 में टोक्यो खेलों के दौरान ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया था। मेजर ध्यानचंद नैशनल स्टेडियम पर भारत और जर्मनी पुरुष टीमों के बीच मैच के बाद रानी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में हॉकी इंडिया ने उनकी जर्सी नंबर 28 को रिटायर करने का फैसला किया। उन्हें हॉकी इंडिया ने 10 लाख रुपए का चैक भी प्रदान किया। इस 29 वर्षीय दिग्गज फॉरवर्ड ने 2008 में ओलंपिक क्वालीफायर में 14 साल की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया। उन्होंने भारत के लिए 254 मैच में 205 गोल किए। उन्हें 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल र} पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उसी वर्ष देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री उन्हें मिला।

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