नई दिल्लीः अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशू खिलाड़ी, जो चीनी अधिकारियों द्वारा वीजा देने से इनकार किए जाने के बाद 19वें एशियाई खेलों के लिए हांगझोऊ, चीन की यात्र नहीं कर पाए थे। मंगलवार को अपने गृह राज्य लौट आए। अरुणाचल प्रदेश की तीन महिला वुशू खिलाड़ी, न्येमान वांगसु, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु बुधवार रात आईजीआई हवाई अड्डे से चीन के लिए उड़ान भरने वाली थी, लेकिन उड़ान नहीं भर सके क्योंकि उनमें से दो को हांगझोऊ एशियाई खेल आयोजन समिति (एचएजीओसी) द्वारा मान्यता से इनकार करने के बाद चीनी अधिकारियों द्वारा स्टेपल वीजा दिया गया था।
भारत सरकार ने स्टेपल्ड वीजा लेने से इनकार कर दिया है और दोनों खिलाड़ी फ्लाइट नहीं ले सके। एक खिलाड़ी, जिसे मान्यता दी गई थी उन्हें हवाई अड्डे पर बताया गया कि उनका वीजा केवल हांगकांग के लिए था और इसलिए वह भी एशियन खेलो में भाग नहीं ले पाईं। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘ओलंपिक चार्टर के अनुसार वीजा दिया जाना चाहिए था। यह एशियाई ओलंपिक समिति की भी जिम्मेदारी थी और यहां तक कि चीन को भारतीय एथलीटों को वीजा देना चाहिए थआ बेशक वो देश के किसी भी राज्य से हों।‘
‘हमने भेदभाव स्वीकार नहीं किया और इसलिए मैं फिर से कहना चाहता हूं, अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और अभिन्न अंग रहेगा.. भारत झुकेगा नहीं।‘ शुक्रवार को खेल मंत्री ने एशियाई खेलों के लिए चीन की अपनी यात्र रद्द कर दी, जो कि मेगा खेल आयोजन के लिए भारतीय वुशु टीम के खिलाड़ियों को मान्यता और प्रवेश देने से इनकार करने के फैसले के विरोध में था।