नई दिल्ली। आईपीएल में अपनी विध्वंसक और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी से धमाल मचाने के बाद तिलक वर्मा अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी लगातार अपनी छाप छोड़ रहे हैं। करियर के शुरुआती दौर में आर्थकि स्थिति मजबूत न होने की वजह से तिलक ने काफी परेशानियों का सामना किया है लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वो कहते हैं न जहां चाह होती है वहां राह निकल आती है। ऐसी ही कुछ कहानी इस युवा भारतीय बल्लेबाज की है।
तिलक वर्मा का जन्म हैदराबाद में 8 नवंबर 2002 को हुआ था। हैदराबाद के एक इलेक्ट्रीशियन के बेटे तिलक के पास शुरुआती दौर में बेहतर सुविधा नहीं थी लेकिन उनकी बल्लेबाजी प्रतिभा जन्मजात थी। युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा का जीवन संघर्ष से भरा रहा। उन्होंने अपने बचपन में काफी गरीबी देखी। क्रिकेटर बनने में उन्हें अपनी खराब आर्थकि स्थिति की वजह से काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन कम सैलरी होने के बावजूद तिलक के पिता ने उनको जमकर सपोर्ट किया।
वर्मा को बचपन के कोच ने टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते हुए देखा था, और कोच ने उन्हें अपने संरक्षण में ले लिया। उन्होंने आईपीएल 2022 में डेब्यू किया था। 2020-21 के विजय हजारे ट्रॉफी में दो शतक बना कर तिलक लोगों के निगाह में आए और मुंबई इंडियंस ने 2022 के ऑक्शन में तिलक को एक मोटी रकम देकर अपने साथ जोड़ा। उस समय उनका बेस प्राइस 20 लाख था और वे एक अनकैप्ड खिलाड़ी थे। तब से लेकर तिलक वर्मा मुंबई इंडियंस के लिए लगातार अच्छा कर रहे हैं।
तिलक ने इसके बाद एक और शानदार आईपीएल सीजन खेला और इसके तुरंत बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें पहली बार टी20 टीम में शामिल किया गया। वर्मा मध्यक्रम में भारत के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अपने उपयोगी ऑफ ब्रेक के साथ-साथ गियर बदलने की उनकी क्षमता उन्हें इस भारतीय सेटअप में एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाती है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में उनका प्रदर्शन शानदार रहा और नंबर-3 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने लगातार दो मैचों में दो शतक जड़े।
उनकी काबिलियत देखकर रोहित शर्मा पहले ही उन्हें भारतीय क्रिकेट का नया स्टार बता चुके हैं, जबकि टीम इंडिया के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव भी तिलक वर्मा को विराट के बाद नंबर-3 के लिए एक मजबूत दावेदार बता रहे हैं।