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ICC T20 World Cup 2024: Virat Kohli और Rohit Sharma के पास भारत को 13 साल बाद ICC ट्रॉफी दिलाने का अंतिम मौका होगा

नई दिल्ली: टी20 विश्व कप 2024 टूर्नामेंट 2 जून से 29 जून तक अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेला जाएगा। टूर्नामेंट में टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। भारत को ग्रुप ए में कनाडा, आयरलैंड, पाकिस्तान और यूएसए के साथ रखा गया है। ऐसे दो क्रिकेटर मिलना मुश्किल है जो एक-दूसरे से इतने अलग हों लेकिन फिर भी भाग्य के धागे से इतने करीब से जुड़े हों जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा। रोहित ने शीर्ष स्तर के क्रिकेट में शुरुआत 2007 में बेलफास्ट में की जबकि कोहली ने इससे एक साल बाद दांबुला में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।

एक साथ चले इस सफर का एक और दिलचस्प अध्याय संभवतः अगले महीने कैरेबियाई द्वीपों में समाप्त हो जाएगा। अगला टी20 विश्व कप 2026 में है जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से करेंगे लेकिन तब रोहित 40 बरस के होने वाले होगे और कोहली 38 वर्ष के होंगे। एकदिवसीय (50 ओवर) प्रारूप का विश्व कप इसके एक और साल बाद होगा। खेल की स्ट्राइक रेट से जुड़ी प्रकृति में लगातार इजाफा हो रहा है और इसे देखते हुए इन दोनों को इनमें से किसी में भी खेलते हुए देखना मुश्किल है।

इसलिए रोहित और कोहली दोनों अगले महीने विजेता का पदक अपने गले में लटकाए मंच से विदा लेना चाहेंगे। अगर वे ऐसा कर पाते हैं तो यह 2007 टी20 विश्व कप (रोहित) और 2011 में 50 ओवर के विश्व कप (कोहली) के बाद उनका दूसरा विश्व खिताब होगा और यह उन दो खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन विदाई होगी जिन्होंने पिछले 17 वर्षों में भारत के सीमित ओवरों के क्रिकेट में काफी प्रभाव डाला। हालांकि कोहली-रोहित की कहानी आपसी सम्मान और इस जागरूकता पर आधारित है कि उन्हें एक-दूसरे के काम मे दखल नहीं देनी।

कोहली ने अपने करियर की शुरुआत से ही रोहित के लिए उनके मन में जो प्रशंसा है, उसके बारे में बात की है।कोहली ने टीवी चैट में कहा था, ‘‘मैं एक खिलाड़ी के बारे में उत्सुकता से भरा हुआ था। लोग कहते रहते थे – ‘यह एक ऐसा खिलाड़ी है जो तेजी से आगे बढ़ रहा है’। लेकिन कोहली का खेल थोड़ा अलग है। वह कभी-कभार बड़ी हिट लगा सकते हैं लेकिन उन्हें अक्सर स्पिन के खिलाफ जूझना पड़ता है, विशेषकर बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ। टी20 में धीमे गेंदबाजों के खिलाफ उनका करियर स्ट्राइक रेट 120 के आसपास रहता है।

इसका उनके स्ट्राइक रेट पर अच्छा असर पड़ा क्योंकि कोहली ने 188 गेंदों पर 260 रन बनाए और स्पिनरों के खिलाफ 15 छक्के लगाए। स्पिन के खिलाफ उनका स्ट्राइक रेट 139 तक पहुंच गया जो उनके आईपीएल के 124 के समग्र स्ट्राइक रेट से काफी बेहतर है। यह कोहली के लिए टी20 विश्व कप में काम आ सकता है जहां पिचों के टूर्नामेंट आगे बढ़ने के साथ धीमा होने की उम्मीद है जिससे स्पिनरों की अहमियत बढ़ती जाएगी।

क्रिकेट के दायरे से परे दोनों दिग्गजों का आईसीसी ट्रॉफी जीतने का अंतिम प्रायस करना व्यक्तिगत रूप से और टीम के लिए एक आकर्षक दृश्य होगा। प्रशंसक भी इसका अधिक से अधिक लुत्फ उठाना चाहेंगे। रोहित और कोहली दोनों अगले महीने विजेता का पदक अपने गले में लटकाए मंच से विदा लेना चाहेंगे। फैंस भी इसका अधिक से अधिक लुत्फ उठाना चाहेंगे। अगर वे ऐसा कर पाते हैं तो यह 2007 टी20 विश्व कप (रोहित) और 2011 में 50 ओवर के विश्व कप (कोहली) के बाद उनका दूसरा विश्व खिताब होगा।

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