Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

एशियाई खेलों में चुनौती पेश करने जा रहीं भारत की ‘सुपर मॉम’

नयी दिल्ली: किसी भी मां के लिए बच्चे को जन्म देने के बाद काम पर लौटना एक कठिन काम है लेकिन बड़ी संख्या में भारतीय महिला खिलाड़ी अब प्रतिस्पर्धा जारी रखकर रूढि़वादिता को तोड़ रही हैं। भारत में मां बनने के बाद खेल जारी रखने वाली सबसे प्रसिद्ध ‘सुपर मॉम’ शायद दिग्गज मुक्केबाज मेरीकोम और छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया मिर्जा हैं।

पीटीआई उन भारतीय माताओं पर एक नजर डाल रही है जो 23 सितंबर से शुरू होने वाले हांगझोउ एशियाई खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगी।दीपिका पल्लीकल (स्क्वाश):भारतीय स्क्वाश की ‘पोस्टर गर्ल’ दीपिका पल्लीकल देश के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने जोशना चिनप्पा के साथ मिलकर 2014 में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में स्क्वाश में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता।उनकी अन्य उपलब्धियों में विश्व रैंंकग में शीर्ष 10 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनने के अलावा विश्व चैंपियनशिप, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में कई पदक जीतना भी शामिल है।

अक्टूबर 2021 में उनके और उनके पति भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक के घर जुड़वां लड़कों – कबीर और जियान का जन्म हुआ। इसके कुछ महीने बाद दीपिका ने स्क्वाश कोर्ट पर वापसी की और र्बिमंघम राष्ट्रमंडल खेलों में मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीता।उम्मीद है कि हांगझोउ एशियाई खेलों में दीपिका मिश्रित युगल स्पर्धा में भाग लेंगी और संभवत: यह उनके अंतिम एशियाई खेल होंगे।

कोनेरू हंपी (शतरंज): यह ग्रैंडमास्टर भारत की बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में से एक है। वह 2002 में 15 साल, एक महीने, 27 दिन की उम्र में ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल करने वाली सबसे कम उम्र की महिला बनीं और 2600 ईएलओ रेंटग अंक को पार करने वाली दूसरी महिला बनीं।हंपी ने 2017 में अपनी बेटी अहाना को जन्म दिया जिसके बाद उन्होंने मातृत्व ब्रेक लिया।वह दो साल बाद वापसी करते हुए 2019 में महिला विश्व रेपिड चैंपियन बनीं और फिडे महिला ग्रां प्री 2019-21 सत्र में उपविजेता रहीं।यह 36 वर्षीय खिलाड़ी हांगझोउ में एकल के साथ-साथ टीम स्पर्धा में लेगी।

हरिका द्रोणावल्ली (शतरंज): यह भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्व चैंपियनशिप की तीन बार की पदक विजेता है। यह 32 वर्षीय खिलाड़ी दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। हरिका पिछले साल गर्बह वस्था के नौवें महीने में बेहद दबाव वाले टूर्नामेंट शतरंज ओलंपियाड में खेली थीं। एशियाई खेलों की तैयारी के लिए वह तैयारी शिविरों के दौरान अपने साथियों के साथ आनलाइन जुड़ेगी।हंपी, आर वैशाली, तानिया सचदेव और बहक्ति कुलकर्णी के साथ हरिका ने शतरंज ओलंपियाड में महिला टीम स्पर्धा का कांस्य पदक जीता जो महिला वर्ग में भारत का पहला पदक था।

इसके कुछ दिनों बाद उनके यहां बेटी हनविका ने जन्म लिया।वह 2010 के ग्वांग्झू खेलों के व्यक्तिगत कांस्य पदक में एशियाई खेलों का एक और पदक जोड़ना चाहेंगी। मनप्रीत कौर (गोला फेंक): मनप्रीत कौर महिलाओं की गोला फेंक स्पर्धा में भाग लेंगी। राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक मनप्रीत ने 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। फिर उन्होंने अपनी शादी और बेटी जसनूर के जन्म के लिए तीन साल का ब्रेक लिया।वह 2016 में प्रतिस्पर्धी प्रतियोगितओं में लौटीं और अपने खेल में रियो 2016 ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला बनीं।मनप्रीत पर जुलाई 2017 में चार साल का डोंिपग प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन उन्होंने पिछले साल मजबूत वापसी करते हुए गोले को 18.06 मीटर की दूरी तक फेंककर न केवल अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिया बल्कि गोला फेंक में 18 मीटर की दूरी को पार करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बन गईं।

Exit mobile version