Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

कोचों का खिलाड़ियों की सफलता का श्रेय लेना सही नहीं : Gurcharan Singh

नई दिल्लीः पद्म श्री से सम्मानित अनुभवी क्रिकेट कोच गुरचरण सिंह ने कहा कि कई कोच खिलाड़ियों की सफलता का श्रेय इसलिये लेते हैं क्योंकि वे उनकी अकादमी में ट्रेनिंग करते थे जो सही नहीं है। गुरचरण 87 वर्ष के हैं जिन्होंने दर्जन भर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जैसे कीर्ति आजाद, अजय जडेजा, मनिंदर सिंह को कोचिंग दी है। उन्होंने कहा कि सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और राहित शर्मा ऐसे खिलाड़ी हैं जो एक पीढ़ी में एक बार ही पैदा होते हैं। उन्हें भारतीय क्रिकेट में उनके यागदान के लिये इस साल पद्म श्री से नवाजा गया। वह देश प्रेम आजाद के बाद यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने वाले दूसरे क्रिकेट कोच हैं।

उन्होंने कहा, कि ‘क्रिकेट कोचिंग में एक कोच को अपने मूल अधिकार रखने चाहिए। अगर खिलाड़ी ट्रेनिंग का हिस्सा बना और सरल से अभ्यास सत्र किए तो काफी कोच दावा करते हैं कि वह खिलाड़ी उनका शिष्य है। ’’ गुरचरण ने कहा, कि ‘यह चीज पूरी तरह गलत है, यहां तक कपिल देव मुंबई में मेरे कोचिंग शिविर में हिस्सा लेते थे, लेकिन मैं अब भी दावा नहीं करता कि वह मेरा शिष्य था, वह चंडीगढ़ से है और वह डीपी आजाद का शिष्य है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर कोच की कोचिंग देने की अलग अलग तकनीक होती है, बल्ले की लंबाई एक समान होती है, इसकी चौड़ाई एक समान होती है लेकिन कोच की तकनीक अलग होती है।’’ उन्होंने कहा कि गावस्कर, तेंदुलकर और कोहली जैसे खिलाड़ी हमेशा भारत के महान क्रिकेटर रहेंगे और नये खिलाड़ी कभी उनकी विरासत को फीका नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, कि ‘आप कोहली जैसा खिलाड़ी नहीं बना सकते, आप सुनील गावस्कर या सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा जैसा क्रिकेटर नहीं बना सकते। ये क्रिकेट महान खिलाड़ी हैं और अपनी विरासत छोड़ चुके हैं। नए खिलाड़ी आते रहेंगे लेकिन वे इनकी जगह नहीं ले सकते। इन जैसे खिलाड़ी हमेशा महान हैं और महान बने रहेंगे। ’’

Exit mobile version