कोलंबोः बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव का इस साल वनडे में शानदार प्रदर्शन एशिया कप-2023 में भी कायम है। बारिश से प्रभावित सुपर 4 मैच में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ कुलदीप ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। सुपर-4 मैच में पहले पाकिस्तान के खिलाफ (5-25) और फिर श्रीलंका के खिलाफ (4-43) के आंकड़े कुलदीप यादव की शानदार फॉर्म की गवाही दे रहे हैं। पिछले साल घुटने की चोट से वापसी करने के बाद कुलदीप ने अपने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय विकेट हासिल करने से लेकर सही लेंथ पर गेंदबाजी करने के बारे में सोचने की मानसिकता को बदलने को दिया।
कुलदीप ने स्टार स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान बताया कि सजर्री के बाद फिजियो ने उनसे कहा था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मेरे घुटने पर भार नहीं पड़ना चाहिए। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आगे चीजें कैसी रहेगी। लेकिन अब सब ठीक है। कुलदीप ने कहा, ‘6-7 महीनों के बाद मुझे अपनी उचित लय मिल गई और अब गेंदबाजी करना आसान हो गया है। एक स्पिनर जितनी अधिक गेंदबाजी करेगा, उसे उतना अधिक अनुभव मिलेगा। इसलिए मुझे नहीं लगता कि अब विकेट लेने के बारे में बहुत कुछ है। मैं इस बारे में अधिक सोचता हूं कि मेरी गेंदबाजी की लेंथ सही होनी चाहिए।‘
कुलदीप ने यह भी बताया कि बाएं हाथ या दाएं हाथ के बल्लेबाज के खिलाफ उनका गेम प्लान क्या रहता है। उन्होंने कहा, कि ‘मैं अच्छी लेंथ की गेंदों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, चाहे वह लेफ्टी हो या राइटी और इसके साथ ही लाइन भी मायने रखती है। इसलिए मैं हमेशा बल्लेबाज को लॉक करने, स्टंप्स पर गेंदबाजी करने के बारे में सोचता हूं, चाहे वह लेफ्टी हो या राइटी, उसे लॉक्ड रखने और स्टंप्स पर गेंदबाजी करने के बारे में सोचता हूं।‘
28 वर्षीय खिलाड़ी ने भारत की टीम में ऑफ स्पिनर न होने पर भी अपनी बात रखी। कुलदीप ने कहा, कि ‘मैं खुद को एक ऑफ स्पिनर के रूप में नहीं सोचता। मैं खुद को एक लेग स्पिनर के रूप में सोचता हूं। एकमात्र चीज यह है कि मैं बाएं हाथ से गेंदबाजी करता हूं। मेरे पास वेरिएशन हैं और गुगली भी है। तो मुझे नहीं लगता कि आपको एक ऑफ स्पिनर रखने की जरूरत है। अगर आपकी टीम का संयोजन अच्छा है, तो आपको 3-4 स्पिनरों को खिलाने की जरूरत नहीं है। अगर आपके पास दो अच्छे स्पिनर हैं, तो यह काम कर सकता है।‘