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श्रीलंका टेस्ट सीरीज से बाहर होने पर बोले मैक्सवेल- ‘चयनकर्ताओं का फैसला गलत नहीं’

ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने कहा कि अगर वह चयनकर्ता होते तो वही फैसला लेते, जो ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने लिया। मैक्सवेल को श्रीलंका के खिलाफ होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया।

मैक्सवेल ने आखिरी बार 2017 में टेस्ट खेला था। अब वह इस दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया की 16 सदस्यीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। उनकी जगह पहली बार चुने गए ऑलराउंडर कूपर कॉनॉली को टीम में लिया गया है। मैक्सवेल ने इसे पूरी तरह समझने योग्य बताया।

फॉक्स स्पोर्ट्स के मैक्सवेल के हवाले से कहा, यह बस चयन का मामला है। हमेशा कुछ खिलाड़ी होते हैं जो टीम में जगह चाहते हैं। मैंने कभी नहीं छुपाया कि मैं इस दौरे पर जाना चाहता था, लेकिन मैं उनकी वजहों को पूरी तरह समझ सकता हूं। ऑस्ट्रेलिया पहले ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुका है। उनके पास श्रीलंका में दो टेस्ट हैं और अगले कुछ सालों में उपमहाद्वीप के और भी दौरे होंगे। ऐसे में नए खिलाड़ियों को इन परिस्थितियों में खेलने का मौका देना जरूरी है।

उन्होंने कूपर कॉनॉली को लेकर कहा, किसी युवा खिलाड़ी के लिए यह अनुभव शानदार होगा। कूपर का पहला टेस्ट दौरा है। अगर मैं चयनकर्ता होता, तो शायद मैं भी यही फैसला लेता।

मेलबर्न स्टार्स की ओर से बीबीएल में मेलबर्न रेनेगेड्स के खिलाफ 52 गेंदों पर 90 रन की धमाकेदार पारी खेलने के बाद मैक्सवेल ने कहा कि वह अपने टेस्ट करियर पर फिलहाल कोई फैसला नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं अभी भविष्य की कोई योजना नहीं बना रहा हूं। मैं फिलहाल अगले मैच की तैयारी पर ध्यान दे रहा हूं।

अपनी शानदार पारी के बारे में मैक्सवेल ने कहा, हर चीज मेरे हिसाब से नहीं हो रही थी। शायद हर दूसरी या तीसरी गेंद सही तरीके से खेल पा रहा था। पिच के हालात को देखते हुए मेरा प्लान सिर्फ यह था कि गेंदबाजों पर इतना दबाव बनाऊं कि वह गलतियां करें, चाहे ओवरपिच गेंद डालें या थोड़ी वाइड फेंकें, जिससे मैं अपने शॉट खेल सकूं।

उन्होंने यह भी कहा, मुझे लगा कि मैंने कई बार गेंद को सही से हिट नहीं किया और कई बार शॉट्स मिसटाइम हुए। लेकिन मेरा गेम प्लान बहुत सिंपल था – क्रीज पर टिके रहना और सही गेंद का इंतजार करना।

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