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धोनी के सीएसके की कप्तानी छोड़ने पर अश्विन ने कहा, यह तो होना ही था

जयपुर: अनुभवी आल राउंडर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि रूतुराज गायकवाड़ को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की कप्तानी की जिम्मेदारी देने में जल्दबाजी नही की गयी क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी का काम करने का तरीका जिस तरह का है, उन्होंने इस सलामी बल्लेबाज से लंबे समय पहले ही इस भूमिका के बारे में बात कर ली होगी ।

आईपीएल के 2024 सत्र के शुरू होने से एक दिन पहले सीएसके ने धोनी द्वारा कप्तानी की जिम्मेदारी गायकवाड़ को सौंपने की घोषणा की। सीएसके ने 2022 चरण में भी कप्तानी की जिम्मेदारी बदलने की मुहिम में रविंद्र जडेजा को कप्तान बनाया था लेकिन आठ मैच के बाद ही इस आल राउंडर ने धोनी को कप्तानी की जिम्मेदारी वापस लौटा दी।

अश्विन ने कहा कि यह फैसला बिलकुल भी हैरान करने वाला नहीं था। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘यह तो होना ही था, किसी न किसी चरण पर ऐसा होता। मैं एमएस धोनी को जानता हूं, उनके लिए टीम सबसे अहम है और वह हमेशा टीम की बेहतरी के बारे में ही सोचते रहते हैं। ’’ अश्विन ने कहा, ‘‘इसकी वजह से दो साल पहले उन्होंने कप्तानी की जिम्मेदारी जडेजा को सौंपी और अब यह रूतुराज को दी है। यह फैस्ला तो करना ही था लेकिन सवाल था कि वह कौन होगा और यह किस तरह होगा। ’’ इस अनुभवी क्रिकेटर का मानना है कि यह अंतिम समय में लिया हुआ फैसला नहीं हो सकता था।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि रूतुराज को कल ही पता चला हो कि वह बस बतौर बल्लेबाज खेलेंगे। मेरा मानना है कि धेानी ने पिछले साल ही रूतुराज को बताया होगा कि तुम्हें जिम्मेदारी सौंपी जायेगी। मैं तुम्हारे साथ रहूंगा इसलिये तुम्हें ंिचता करने की जरूरत नहीं है। ’’ रूतुराज के कप्तान बनने के बारे में अश्विन ने उनका समर्थन किया क्योंकि उन्हें लगता है कि वह भी शांत और संयमित व्यक्तित्व का खिलाड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं रूतुराज को जानता हूं, वह बहुत ही शांत और संयमित खिलाड़ी है और बहुत अच्छा इंसान है। मैं उसके लिए खुश हूं। ’’ गायकवाड़ ने आधिकारिक घोषणा के बाद स्वीकार किया कि धोनी ने पिछले सत्र में ही उन्हें टीम की कमान संभालने का संकेत दे दिया था।

उन्होंने आईपीएलटी20 डॉट काम पर कहा, ‘‘पिछले साल ही माही भाई ने मुझे कप्तानी का संकेत दे दिया था। उन्होंने कहा था ‘तैयार रहो, यह तुम्हारे लिए हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए’। जब हम शिविर में जुड़े तो उन्होंने मुझे कुछ मैच अभ्यास में भी अपने साथ शामिल किया। ’’ =

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